तिलौथू सीओ के भ्रष्टाचार की एसडीएम से शिकायत
[मामेंद्र कुमार] तिलौथू अंचल के सनौरा मौजा में गलत तरीके से संपन्न व्यक्ति को सरकारी भूमि देने के मामले में ग्रामीणों ने एसडीएम से मिलकर लिखित शिकायत दी है।
जिसमें कई दस्तावेजों को संलग्न करते हुए ग्रामीणों ने सीओ व कर्मचारी पर संपन्न लोगों के प्रभाव में आकर गलत तरीके से भूमि बंदोबस्ती करने तथा विरोध करने पर सीओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी का आरोप लगाया है।
एसडीएम को 82 ग्रामीणों के हस्ताक्षर आयुक्त सौंपा ज्ञापन में कहा गया है, कि सनौरा थाना नंबर 262 के मुख्य ओर रास्ता केतरफ निकलने वाला सर्वसाधारण भूमि जो दो मौजा का मिलान है।
उसका बंदोबस्ती सीओ द्वारा बगैर आमसभा किए हुए सभी रैयती भूमि का रास्ता बंद किया जा रहा है। जबकि उक्त सर्वसाधारण भूमि पर गांव के बच्चे खेल मैदान के रूप में वर्षों से इस्तेमाल कर रहे हैं।
किंतु अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी, अंचल अमीन और मुखिया की मिलीभगत से बिना आम सभा एवं नोटिस किए तीन लोगों को भूमिहीन बताकर सरकारी भूमि को उनके नाम बंदोबस्त कर दिया गया है।
बंदोबस्त होने के बाद तीनो लोग जोर-शोर से निजी मकान का निर्माण भी शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है, कि अंचल में कई स्थानों पर भूमि मामले में अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार की सीमा पार कर गई है।
विरोध करने पर अंचल अधिकारी द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी जाती है। तिलौथू प्रखंड के अन्य पंचायत के लोगों का कहना है कि यदि तिलौथू अंचल पदाधिकारी प्रमोद मिश्रा के भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच हो, तो जेल भी जा सकते हैं।
क्योंकि इनके व इनके कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की कारगुजारियों से आम जनता त्रस्त है। ग्रामीणों ने इसके लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत परिवाद भी दर्ज कराया है। एसडीएम लाल ज्योति नाथ शाहदेव ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर डीसीएलआर को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।