1 जुलाई से हरियाणा रोडवेज की बसे जा सकेंगी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में : मूलचंद शर्मा

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चंडीगढ़ : पड़ोसी पर्वतीय राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने हरियाणा रोडवेज बसों को एक जुलाई से अपने राज्य में आने की परमिशन दे दी है। लंबे समय से हरियाणा रोडवेज को यह प्रदेश एनओसी नहीं दे रहे थे। जिससे एक और तो हमारे प्रदेश के राजस्व को नुकसान हो रहा था, वही दूसरी ओर गर्मी के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य के शौकीन पर्यटक काफी मायूस भी थे। हालात सामान्य होने के चलते अब इन प्रदेशों में हमारी बसें आ-जा सकेंगी। जिससे न केवल हमारे प्रदेश बल्कि इन दोनों प्रदेशों को भी पर्यटकों के माध्यम से काफी फायदा मिलेगा। लेकिन जम्मू-कश्मीर ने अभी तक हमारी बसों को आवागमन की परमिशन नहीं दी है। यह जानकारी प्रदेश के परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा दी गई है।

शर्मा ने बताया कि इस समय प्रदेश के बेड़े की उत्तर प्रदेश रूट पर 169, राजस्थान रूट पर 179, पंजाब रूट पर 165 और दिल्ली रूट पर 40 बसें चल रही है और कोविड का प्रभाव जैसे-जैसे कम होगा यात्रियों की डिमांड पर बसों को सड़क पर उतार दिया जाएगा। मूलचंद शर्मा ने बताया कि हरियाणा रोडवेज के पास करीब 3400 बसों का बेड़ा इस समय मौजूद है। जो कि 800 बसें बेड़े में और शामिल होने जा रही हैं। परिवहन मंत्री ने कोरोना पर काबू पाने के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा है कि केवल रोडवेज की बसों में ही नहीं, रेलगाड़ी में, अपनी कार में या किसी प्राइवेट साधन में सफर करते वक्त केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइंस की अच्छी तरह से पालना करें। क्योंकि इसी में आप, हमारा प्रदेश और हमारा देश सुरक्षित रहेगा। सभी मिलकर लड़ेंगे तो ही इस महामारी पर काबू पाया जा सकेगा।

उनके विभाग ने हाल ही में 150 बसें नई खरीदी थी। साथ ही 18 नई वोल्वो बसें भी बेड़े में शामिल की गई थी। 809 बसें टाटा अशोका लीलैंड की जल्दी आ जाएंगी। जिससे रोडवेज की स्थिति में काफी सुधार होगा और लोगों को अच्छी सुविधाएं हमारा विभाग दे पाएगा। शर्मा के अनुसार हरियाणा रोडवेज स्वास्थ्य और एजुकेशन विभाग की तरह कभी भी सरकार के लिए कमाई का साधन नहीं रहा। यह केवल और केवल जनता की सेवा के लिए काम करता है और कोरोना काल के दौरान ट्रांसपोर्ट विभाग ने भारी घाटे का सामना किया और हमेशा से रोडवेज विभाग के घाटे को सरकार ही पूरा करती है।

इस मौके पर मूलचंद शर्मा ने अपने दूसरे विभाग खनन विभाग पर बातचीत करते हुए बताया कि कांग्रेस के समय में खनन विभाग को केवल 250 करोड रुपए की रॉयल्टी मिलती थी। जो कि अब बढ़कर 1035 करोड रुपए की हो चुकी है। इस उपलब्धि को काफी मुश्किलों और काफी सख्त फैसलों के जरिए प्राप्त किया गया है। कई बार मैंने खुद रेड की है। खनन में होने वाली बड़ी चोरी पर हर तरीके से लगाम लगाने की बड़ी कोशिश की गई है।इसके तहत चाहे ड्रोन की सेवा ली हो, हमने पुलिस के गार्ड लगाए हो, मिलिट्री के एक्स सर्विसमैन लगाए हो या गाड़ियों को एनजीटी के तहत बंद किया गया हो।सभी कदम उठाने के बाद हमने उन अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जो इस कार्य में मददगार सामने आए।

मूलचंद शर्मा ने लंबे समय से आंदोलनरत किसानों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि आंदोलन में बैठे हुए यह लोग असली किसान नहीं है। असली किसान अपने खेत-खलिहान में लगा है। इस मामले में केवल और केवल राजनीति हो रही है। राजनीति से प्रेरित लोग इस मूवमेंट को हवा दे रहे हैं। अगर इन कानूनों में कोई ऐतराज है तो बात करो। बात करने के लिए कोई तैयार नहीं है, सरकार ने बहुत बार बातचीत की कोशिश की लेकिन बात करने को कोई तैयार नहीं, इन कानूनों से आखिर नुकसान क्या है यह बताने को कोई तैयार नहीं और हमारी बात कोई सुनने को तैयार नहीं। केवल और केवल निजी हित और सत्ता की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए कुछ राजनीतिक लोग और देश विरोधी ताकते इस मामले को तूल देने में लगी हैं।