दिलीप कुमार के निधन पर पूरे पाकिस्तान ने मनाया शोक, पेशावर के पुश्तैनी घर में अदा की सांकेतिक नमाज-ए-जनाजा
पेशावर:दिग्गज भारतीय अभिनेता दिलीप कुमार के पाकिस्तान के पेशावर में किस्सा खवानी बाजार इलाके में स्थित पुश्तैनी घर में बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों ने गैबाना (सांकेतिक) नमाज-ए-जनाजा अदा की। इसके अलावा उन्होंने दिवंगत अभिनेता की आत्मा की शांति के लिये फातिहा भी पढ़ा। कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर में किस्सा खवानी बाजार इलाके में उनके पुश्तैनी घर में हुआ था। उनका वास्तविक नाम यूसुफ खान था
पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई मंत्रियों और विपक्षी पार्टी के सदस्यों, कलाकारों एवं पूर्व क्रिकेटरों समेत अन्य ने भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर बुधवार को शोक जताया और कहा कि वह अपने अभिनय और करुणा से ऐसी छाप छोड़कर गए हैं जिससे वह अपने प्रशंसकों के दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज़’ से भी नवाज़ा गया था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान समेत शीर्ष नेतृत्व ने कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक शानदार अभिनेता, एक विनम्र व्यक्ति तथा गौरवमयी हस्ती बताया। कुमार का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।
कुमार का जन्म खैबर पख्तूनख्वा में पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में अपने पुश्तैनी घर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ था। उनका बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। उनका असली नाम यूसुफ खान था। उन्हें मुंबई में सांताक्रूज़ के जुहू कब्रिस्तान में शाम करीब पौने पांच बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी सायरा बानो और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्विटर पर कुमार को एक उत्कृष्ट अभिनेता, विनम्र व्यक्ति और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि उनके निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ है। अल्वी ने कहा, “ उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। उनकी रूह को सुकून मिले।”
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता कुमार के निधन पर बुधवार को दुख जताते हुए कहा कि वह उनकी उदारता को कभी नहीं भूल पाएंगे जो उन्होंने उनकी मां की याद में कैंसर अस्पताल बनाने के लिए धन जुटाने में मदद कर दिखाई थी। खान ने ट्वीट किया, “ दिलीप कुमार के इंतकाल के बारे में जानकर दुख हुआ। जब एसकेएमटीएच परियोजना शुरू की गई थी तो इसके लिए रकम जुटाने में मदद करने के लिए अपना वक्त देकर उन्होंने जो दरियादिली दिखाई थी, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता।” उन्होंने कहा कि कोष जुटाने के लिए बहुत मुश्किल वक्त था और पाकिस्तान तथा लंदन में उनकी मौजूदगी की वजह से बड़ी रकम जुटाई गई।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कुमार अपनी इंसानियत और बेजोड़ हुनर के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “ उन्होंने कई पीढ़ियों के दिलों और दिमागों पर राज किया तथा काम की समृद्ध विरासत छोड़कर गए हैं।” वहीं, पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने ट्विटर पर मशहूर भारतीय अभिनेता के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि वह प्रतिभाशाली कलाकार थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि जब उनकी मुलाकात कुमार से हुई तो उन्हें वह ‘‘आकर्षक व्यक्तित्व” लगे।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने कुमार को हीरो बताते हुए कहा, “ दिलीप कुमार नहीं रहे। उपमहाद्वीप और दुनिया भर में लाखों लोगों ने उन्हें पंसद किया।” उन्होंने लिखा, “ ट्रेजेडी किंग को हमेशा याद किया जाएगा … यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार की रूह को सुकून मिले।” कौमी (राष्ट्रीय) असेम्बली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ ने कहा कि पेशावर के खान ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार के नाम से कई साल तक राज किया और आज एक दिग्गज के रूप में दुनिया से चले गए। उनके निधन को ‘बड़ी हानि’ बताते हुए पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरयम औरंगज़ेब ने कहा कि कुमार ने जो किरदार निभाए और जो संवाद बोले, वे लोगों में खासे लोकप्रिय हुए। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कुमार के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि महशूर अभिनेता के निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे कभी नहीं भरा जा सकता।
पेशावर हेरिटेज काउंसिल के सचिव शकील वहीदुल्ला ने कहा कि कुमार का निधन पेशावर के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि काउंसिल मशहूर अभिनेता और ‘फरजंद ए पेशावर’ (पेशावर के बेटे)’ के सम्मान में समारोह का आयोजन करेगी। आम लोगों ने भी पेशावर में दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी। कुमार के पुश्तैनी घर के करीब मोहल्ला खुदादद में आर्टिफिशियल ज्वेलरी का कारोबार करने वाले सरफराज ने अभिनेता के निधन पर गहरा दुख जताया। पेशावर के प्रमुख कारोबारी और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सीनेटर मोहसिन अज़ीज़ ने एक बयान में कहा कि कुमार उनके रिश्तेदार थे और उनके निधन से पूरा पेशावर शहर शोक में है।
उन्होंने कहा कि कुमार 1935 में पेशावर से मुंबई चले गए थे और अभिनय के क्षेत्र में खुद को स्थापित किया। अज़ीज ने कहा कि कुमार को ‘शहंशाह-ए-ज़ज़्बात’ का खिताब हासिल था। हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर कुमार ने 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अपने पांच दशक लंबे करियर में ‘मुगल-ए-आजम’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी अनेक हिट फिल्में दीं। वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे।