भीषण गर्मी में विभाग कर रहा है रोजाना 25 करोड़ यूनिट्स की सप्लाई : पीके दास

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लगातार आग उगलते मौसम के साथ-साथ आगामी धान सीजन विभाग के लिए कितनी परेशानी का सबब है ? विभाग इसे लेकर कितना तैयार है ? इस जानकारी के लिए आज पंजाब केसरी ने हरियाणा बिजली विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास से खास मुलाकात की। जिसमें दास ने बताया कि आज विभाग करीब तीन-चार दिन से रोजाना 25 करोड़ यूनिट की सप्लाई कर रहा है और गर्मी बढ़ने पर बिजली सप्लाई के लिए पूरी तैयारियां की गई हैं।

बिजली निगम की तरफ से कोई घोषित व अघोषित कट तय नहीं किए गए हैं। लेकिन किसी जगह इक्विपमेंट की कमी के कारण कोई लाइन बंद हो सकती है। इसके लिए हमारी तरफ से हेड क्वार्टर और डिवीजन लेवल पर भी कंट्रोल रूम बिठा रखे हैं। ताकि तुरंत रिपेयरिंग करके सप्लाई को बहाल किया जा सके। हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 70 फ़ीसदी क्षेत्रों में जगमग योजना के तहत 21 से 24 घंटे सप्लाई दी जा रही है।

दास ने बताया कि आज एसी कुछ लोगों की तो जरूरत बन ही चुका है लेकिन निम्न और मध्यमिक परिवारों में भी इसका प्रचलन बढ़ा है। कम कीमत वाले एसी खरीदे जाने पर वह बिजली की खपत अधिक करते हैं। क्योंकि वह कम एफिशिएंसी वाले होते हैं। जिसके चलते हमने तीन कंपनियों के साथ करार किए हैं। जो सेवन स्टार एसी के बराबर की एफिशिएंसी वाले एसी अच्छे डिस्काउंट के साथ कंज्यूमर को देंगी। अर्बन एरिया में रिप्लेसमेंट के लिए 2000 और नया खरीदने के लिए 4000 रुपए, जोकि रूरल एरिया में रिप्लेसमेंट के लिए 4000 और नए एसी खरीदने के लिए 8000 रुपए की सब्सिडी निगमों की तरफ से दी जाएगी। इससे लोगों को सही कीमत पर अच्छा ऐसी मिलेगा। जिससे बिजली खपत कम होगी और बिजली का बिल कम आएगा।

आजकल हमारी ज्यादातर बिजली कोयले से बनती है। जो प्राकृतिक साधन है। हम अपने कार्बन फुटप्रिंट  को कंट्रोल कर पाएंगे। जिससे सहूलियत भी मिल जाएगी, बिजली खर्च भी कम होने के कारण पॉकेट पर कम वजन पड़ेगा और हमें बिजली की अवेलेबिलिटी पर भी मदद मिलेगी। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई गई है। पोर्टल पर जाकर जो व्यक्ति रजिस्टर्ड करेगा, 4-5 दिनों में कंपनी उनके घर में एसी फिट कर देगी। योजना के तहत 1  परिवार 3 नए एसी खरीद पाएगा और 1 एसी को रिप्लेसमेंट कर पाएगा।

उन्होंने बताया कि आज हिसार का एक प्लांट कुछ इक्विपमेंट खराब होने के कारण बंद है और पानीपत की यूनिट नंबर 6 भी बंद है। बाकि सभी प्लांट रनिंग में है। विभाग ने 12000 मेगावाट से ज्यादा बिजली के एग्रीमेंट कर रखे हैं और कुछ प्रदेशों में हमने सर्दी के दिनों में इस शर्त के साथ बिजली सप्लाई दी थी कि गर्मी के दिनों में हमें वापस करनी होगी। कुछ शार्ट टर्म हमने बिजली खरीद की हुई है। सभी को मिलाकर आज विभाग के पास 12000 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। इस मौके पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में ढाई लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। जो कि यह मीटर प्रीपेड सिस्टम को भी कर सकते हैं। विभाग जल्द ही इस दिशा में स्पीड से काम कर रहा है। अभी तक प्रीपेड मीटर में बहुत अधिक संतोषजनक प्रोग्रेस नहीं हो पाई है।