भारत- नेपाल के बीच रिश्ते अब होंगे और मजबूत, दोनों देशों के बीच जल्द शुरू होगी रेल सेवा
भारत और नेपाल ने कुशलता एवं प्रतिस्पर्धी लागत क्षमता बढ़ाने के लिए निजी इकाइयों को रेल माल ढुलाई खंड में प्रवेश करने की मंजूरी देने के उद्देश्य से एक आदान-प्रदान पत्र पर हस्ताक्षर किया। यह भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने की कोशिशों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने यहां एक बयान में कहा कि दोनों देशों की सरकारों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भारत-नेपाल रेल सेवा समझौता (आरएसए) के लिए आदान-प्रदान पत्र पर हस्ताक्षर किए। बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व रेल मंत्रालय के सदस्य (परिचालन एवं व्यवसाय विकास) संजय कुमार मोहंती ने किया जबकि नेपाली पक्ष का नेतृत्व नेपाल के वाणिज्य, उद्योग एवं आपूर्ति मंत्रालय के सचिव दिनेश भट्टाराई ने किया।
बयान में कहा गया कि इस करार के तहत निजी और सरकारी- दोनों क्षेत्र के कंटेनर रेल , वाहन ढ़ोने वाली ट्रेनों और विशेष मामलगाडि़यों को भारत और नेपाल या भारतीय बंदरगाहों पर नेपाल के लिए आने वाले मार्ग को भारत से नेपाल के बीच में लाने ले जाने के लिए भारतीय रेल के नेटवर्क का इस्तेमाल करने की छूट होगी। नेपाल रेलवे कंपनी के वैगनों को भी नेपाल के लिए लदे माल को भारतीय रेल नेटवर्क के माध्यम से ढ़ोने की छूट होगी। इस करार को क्षेत्रीय रेल संपर्क बढ़ाने के भारत के प्रयासों में एक और मील का पत्थर बताया गया है।