फौज में भर्ती युवक पर हुआ अमानवीय अत्याचार, वायरल तस्वीरों ने उड़ाए होश

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लहरागागा : भारतीय फौज की 6 सिख रेजीमेंट दिल्ली में बतौर सिपाही देश की सेवा निभा रहे नज़दीकी गांव गोबिन्दगढ़ जेजियां के 24 वर्षीय युवक कुलविन्दर सिंह के पिता जगतार सिंह और माता परमजीत कौर और कामरेड रोही सिंह ने फ़ौज के उच्च अधिकारियों पर उसके साथ अमानवीय अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री, ग्रह मंत्री, मुख्यमंत्री पंजाब, मैंबर पार्लियामेंट भगवंत सिंह मान और मानवीय अधिकार कमीशन को लिखित पत्र भेज कर आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

पत्रकारों के रूबरू होते पिता जगतार सिंह और कामरेड रोही सिंह ने कुलविन्दर सिंह पर हुए अत्याचार की तस्वीरें दिखाते हुए बताया कि लगभग चार साल पहले वह फौज में भर्ती हुआ था लेकिन दिल्ली 6 सिख रेजीमेंट में आने के बाद वहां के सी.ओ. और अन्य अधिकारियों द्वारा उसे तंग-परेशान किया जाने लगा। इसी के चलते वह गांव वापस आ गया लेकिन मां-बाप और गांववासियों ने उसे वापस ड्यूटी पर भेज दिया। जहां उसे 28 दिनों की जेल और उसकी चौदह दिन की तनख्वाह काटी गई लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों ने उसे परेशान करना जारी रखा और 1 जुलाई 2021 को कुलविन्दर सिंह को हथकड़ी लगा कर पेड़ के साथ बांध कर अमानवीय अत्याचार किया गया। जब तक कुलविन्दर सिंह बेहोश नहीं हुआ उसके साथ मारपीट होती रही और गंभीर हालत में लहूलुहान कर उसे दिल्ली के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिसका इलाज जारी है।

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उन्होंने बताया कि पता चलने पर जब वह दिल्ली मिलने गए तो सी.ओ. ने धमकी देते हुए कहा कि शुक्रिया है आपके बेटे की जान बच गई, नहीं तो इसे मार कर हम दफना देते और आप फौज का कुछ नहीं कर पाते। बहुत मुश्किल के साथ अस्पताल में अत्याचार का शिकार हुए कुलविन्दर सिंह के साथ मिलाया गया तो उसने अपने साथ हुए अत्याचार की सारी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि सेना पुलिस और सिविल पुलिस कैंट में बयान दर्ज हो चुके हैं परन्तु उच्च अधिकारियों के दबाव के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो रही। कुलविन्दर सिंह के पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उसके बेटे की जान को ख़तरा है इसलिए उक्त मामले पर तुरंत कार्यवाही करते हुए उसकी बदली किसी और यूनिट में कर दी जाए।

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उन्होंने कहा कि कुलविन्दर देश की सेवा करने के लिए भर्ती हुआ था लेकिन कुछ अधिकारियों की ओर से उसे इतना परेशान करते हुए उस पर अत्याचार किया गया। उन्होंने कहा कि अत्याचार की जो तस्वीरें वायरल हुई हैं, उस संबंधी उच्च अधिकारियों द्वारा दूसरे सिपाहियों को भी परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाबी युवकों पर यही अत्याचार होता रहेगा तो फिर फौज में भर्ती कौन होगा? इसलिए भारत सरकार को उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए ठोस कार्यवाही अमल में लानी चाहिए। अब देखना यह है कि सरकार या मानवीय अधिकार कमीशन उक्त मामले को गंभीरता के साथ लेकर इस का हल करता है या नहीं?