लू से बचना है तो घर से कम निकलो बाहर, इस उम्र के लोगों पर है ज्यादा खतरा
अत्यधिक गर्म हवा या लू लगने के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है और इसके कारण लोगों की मौत होती है। लू तब लगती है, जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान (104 डिग्री फारेनहाइट यानी 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना) बहुत अधिक बढ़ जाता है। पर्यावरण के अत्यधिक तापमान और आर्द्रता के कारण शरीर पसीने और सांस के माध्यम से खुद को ठंडा नहीं कर पाता। लू लगने पर व्यक्ति की दिल की धड़कन तेज हो जाती, उसकी सांस तेज चलती है, उसे चक्कर आना, उबकाई आना और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी दिक्कत होती है और भ्रम का अनुभव होता है तथा अंततः रोगी पूरी तरह से होश खो सकता है।