अमेरिकी राजनयिकों को तालिबान का कोई खौफ नहीं, काबुल दूतावास में 1400 अमेरिकी अधिकारी
अफगानिस्तान में तालिबान तेजी से विस्तार कर रहा है। एक के बाद एक जिले पर कब्जे के साथ ही अब उसने गजनी और कंधार पर भी हमले शुरू कर दिए हैं। ऐसी स्थिति में भी काबुल के अमेरिकी दूतावास में कोई खलबली और खौफ नहीं है। कामकाज पूरी तरह सामान्य रूप से चल रहा है। यहां दुभाषियों और अन्य अफगान सहयोगियों के वीजा जारी करने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया गया है।
दूतावास में अधिकारियों की सामान्य बैठक शुरू
रविवार से यहां के अधिकारियों ने वीजा संबंधी साक्षात्कार लेने की तैयारी कर ली है। यहां हर रोज वीजा पाने वाले दो सौ लोगों का साक्षात्कार लिया जाएगा। दूतावास में अधिकारियों की सामान्य बैठक भी शुरू हो गई हैं। अमेरिकी मिशन के सह-प्रमुख स्काट वेनहाल्ट ने बताया कि कुछ लोग मेरे पास आए और कहा कि क्या हमारी नौकरी अब भी चलती रहेगी। मैंने कहा कि हम पक्के इरादे के साथ दूतावास खोले हैं और ठीक से चलाएंगे।
अमेरिका के काबुल दूतावास में 1400 अमेरिकी अधिकारी
वेनहोल्ड ने कहा कि यहां के अमेरिकी अधिकारियों को यह विकल्प दिया था कि वे जोखिम को लेकर अपना पद छोड़ सकते हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने ऐसा नहीं किया। अमेरिका की नब्बे फीसद से ज्यादा सेना यहां से जा चुकी है। सोमवार को यहां तैनात सेना के आख्रिरी जनरल स्काट मिलर ने भी अफगानिस्तान छोड़ दिया है। अमेरिका के काबुल दूतावास में 1400 अमेरिकी अधिकारी हैं और यहां चार हजार कर्मचारी काम करते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए 650 से 1000 तक अमेरिकी सैनिक तैनात रहेंगे।
अमेरिकी फौज और नाटो फौज की वापसी शुरू
बता दें है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज और नाटो फौज की वापसी शुरू हो चुकी है। अगस्त के अंत तक अमेरिका अपनी पूरी फौज को यहां से निकाल लेगा। अमेरिका की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान ने हमले भी तेज कर दिए हैं। तालिबानी नेता शाहबुद्दीन के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान के 85 फीसद इलाके पर कब्जा कर लिया है। ये बात उन्होंने मास्को में एक प्रेस कांफ्रेंस में कही है। हालांकि अमेरिका ने कहा है कि तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़त लेने का अर्थ ये नहीं है कि वो वहां पर आगे भी बना रहेगा।