किसानों के भ्रम दूर कर कृषि बिलों के लाभों से अवगत कराएं किसान मोर्चा के पदाधिकारी : सुखविंदर मांढी
फरीदाबाद : [ मामेन्द्र कुमार ] भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांढी ने अपने जिला प्रवास कार्यक्रम के दौरान किसान मोर्चा की मीटिंग ली, जिसमें सभी मोर्चा अध्यक्षों सहित जिला भाजपा पदाधिकारी शामिल थे। इस बैठक में उपस्थित सभी से परिचय किया गया। इस बैठक में जिला किसान मोर्चा आईटी सैल इंचार्ज और मीडिया इंचार्ज, पूर्व राज्य और जिला किसान मोर्चा के पदाधिकारी एवं राज्य एवं जिला भाजपा के प्रबुद्ध लोगों के साथ परिचयात्मक बैठक की गई जिसमें विधायक, पूर्व विधायक, बोर्ड, निगम एवं परिषदों के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष शामिल रहे। प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांढी ने इस मौके पर पौधारोपण कर वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। अपने प्रखर उदबोधन में प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांढी ने भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की नैसर्गिक कार्य प्रणाली की चर्चा करते हुए भारतीय जनता पार्टी एवम किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं को कृषि बिल से किसान वर्ग को सही मायने में होने वाले लाभ से अवगत कराया। उन्होंने बड़ी सरलता के साथ समझाया और तमाम कार्यकर्ताओं को एक श्रेष्ठ मार्ग दर्शक व जिम्मेदार नेता के नाते प्रेरित किया कि आप गांव-गांव, घर-घर जाकर किसानों के भ्रम को दूर करके बिल से होने वाले लाभों की चर्चा करों औऱ उन्हें समझाओं यह बिल भविष्य में आपको फायदा ही देगा। आजादी से लेकर कांग्रेस, अटल युग, हरित क्रांति की चर्चा करके ऐतिहासिक दृष्टि से अधतन युग में कृषि बिल से क्या लाभ होगा एक सप्रमाण तर्क संगत अपनी बात रखने में सफल हुए। बहुत ही बेबाकी से उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से हर सरकार ने वैकल्पिक व्यस्वस्था किसानों को देने के लिए छद्म प्रयास चर्चा की परन्तु किसी ने भी कदम नही उठाया, केवल मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए सफल प्रयास किया। किसानों को कीमत तय करने की आजादी वर्तमान सरकार ने दी। स्वामी नाथन की रिपोर्ट में 201 में से 200 सिफारिश इस बिल में पूरी हो जाती हैं तो यह आकंड़ा सम्मत प्रमाण एवम बेबाक स्पष्ट पुष्ट भाव प्रस्तुत करने पर तथ्यों में विश्वसनीयता प्रामाणिकता स्पष्टता सहज भाव से परिलक्षित होती है। पिछली सरकारों ने किसानों के हितों को देखते हुए बिल लाने की चर्चा की खुद मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी ने इसके लिए प्रयास किया। यही नहीं, 16 राज्यों के कृषि मंत्री की कमेटी ने भी बिल की शर्तों की सिफारिश की आजादी के बाद कई सरकारों ने प्रयास किया खुद राकेश टिकैत के पिता महेंद्र टिकेत ने इन बिलों की सिफारिश की। वर्तमान में आंदोलन को पोषित करने वाले आकाओं की पोल खोल कर उदबोधन को प्रमाणिकता के साथ परिपक्वता की पराकाष्ठा तक पहुंचा दिया।