जिम्मेदारियों के साथ साथ समाज कल्याण का ये बीड़ा उठाया हुआ है मोनिका तंवर ने शादी के बाद घर परिवार की
फरीदाबाद : आप सबने एक नन्ही गिलहरी की कथा जरूर सुनी होगी। जब लंकापति रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था और श्री राम जी वानर सेना संग रामसेतु का निर्माण कर रहे थे। तब एक नन्ही गिलहरी बार बार समुंदर में गीली होकर किनारे पड़ी रेत को अपने शरीर पर चिपका कर सेतु के ऊपर झाड़ कर आ रही थी। हनुमानजी उसको काफी देर से देख रहे थे तो उत्सुकता से उन्होंने गिलहरी से इसका तात्पर्य पूछा। तो गिलहरी ने जवाब दिया कि वो भी रामसेतु के निर्माण में अपनी आहुति दे रही है, बेशक मेरा योगदान बहुत मामूली है परंतु फिर भी मुझे संतोष है कि मैं भगवान श्रीराम के इस पुण्य कार्य मे भागीदार हूँ।
और आज इसी कथा को चरितार्थ कर रही है ओल्ड फरीदाबाद की रहने वाली महिला मोनिका तंवर। मोनिका तंवर पिछले 10 वर्षों से जीवन नगर फरीदाबाद के आसपास के झुग्गियों में रहने वाले गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, सिलाई एवं ब्यूटी पार्लर ट्रेनिंग और जीवन मे आगे बढ़ने का रास्ता दिखा रही है।
मोनिका तंवर वैसे तो सुधा मूर्ति या मिलिंडा गेट्स की तरह किसी बड़े बिज़नेस घराने से सम्बंध नही रखती अपितु एक बिल्कुल साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बंध रखती है और
सीमित संसाधनों के होते हुए भी समाज निर्माण में अपना योगदान जरूर दे रही है। वो अब तक 100 से ज्यादा बच्चों को सिलाई व ब्यूटी पार्लर की निःशुल्क ट्रेनिंग दे चुकी है। ये सारा कार्य वो अपनी रजिस्ट्रड संस्था “नया सवेरा वेल्फेयर एवं एजुकेशन सोसाइटी” के माध्यम से कर रही है। आप देखोगे की आज अधिकांश महिलाएँ शादी के बाद अपने घर के कामों तक सीमित होकर रह जाती है परंतु मोनिका तंवर ने शादी के बाद घर परिवार की जिम्मेदारियों के साथ साथ समाज कल्याण का ये बीड़ा उठाया हुआ है, इन सब मामलों में उनके पति भी उनकी मदद करते हैं। आज के जमाने मे यदि महिलाएँ मोनिका तंवर की तरह थोड़ी जागरूक होकर समाज कल्याण में थोड़ा हाथ बंटाये तो निश्चय ही समाज बहुत जल्दी तरक्की कर सकता। हम मोनिका तंवर के जज्बे को सलाम करते हैं।