अब संसद पर प्रदर्शन नहीं करेंगे किसान, जंतर-मंतर पर चलाएंगे ‘समानांतर संसद’
सोनीपत : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरनारत किसानों ने मानसून सत्र के दौरान संसद के बाहर प्रदर्शन के अपने फैसले में ऐन वक्त पर बदलाव कर दिया है। दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया कि अब किसान संसद के बाहर प्रदर्शन की बजाय जंतर-मंतर पर पैरलर (समानांतर) संसद चलाएंगे। हर वर्किंग डे पर वहां 200 किसान पहुंचेंगे। इन किसानों में से ही स्पीकर व डिप्टी स्पीकर बनाए जाएंगे। किसान संसद में न केवल कृषि कानूनों की कमियां बताई जाएंगी बल्कि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग भी की जाएगी।
संयुक्त मोर्चा ने इस बात पर खासतौर पर जोर दिया है कि जंतर-मंतर पहुंचने वाले हर किसान के गले में उसका पहचान पत्र लटका होना चाहिए। किसानों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रतीकात्मक संसद के दौरान किसी प्रकार की अनुशासनहीनता नहीं हो। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक कर सप्ताहभर पहले तय किया था कि 22 जुलाई से पूरे मानसून सत्र दौरान अलग-अलग किसान संगठनों से कुल 200 किसान संसद के बाहर पहुंचेंगे और कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करेंगे, लेकिन तय प्रदर्शन से 2 दिन पहले मोर्चा ने फैसले में बदलाव की घोषणा की।