सुरक्षा परिषद में हुई कोविड-19 पर चर्चा, तिरुमूर्ति ने दिया वैक्सीन की वैश्विक असमानता दूर करने के लिए प्रभावी तंत्र की जरूरत पर जोर
कोविड-19 टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है और वैश्विक समुदाय के साथ अपना ‘कोविन’ मंच साझा करने की पेशकश की। फ्रांस की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में कोविड-19 की स्थिति के प्रस्ताव 2565 पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि सुरक्षा परिषद में कोविड-19 पर चर्चा की।
भारत का प्रौद्योगिकी मंच ‘कोविन ‘
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ट्विटर पर बताया कि सुरक्षा परिषद में कोविड-19 पर चर्चा में उन्होंने कहा कि टीके की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र और वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की जरूरत है। टीके को लेकर लोगों की गलतफहमियों को दूर करने के लिए तथ्यों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, साथ में भारत ने कोविन मंच की पेशकश भी की। कोविड रोधी टीकाकरण के लिए कोविन भारत का प्रौद्योगिकी मंच है।
इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोविन को एक खुले साधन के तौर पर तैयार किया जा रहा है ताकि यह सभी देशों के लिए उपलब्ध हो। फरवरी में सुरक्षा परिषद ने कोविड-19 प्रस्ताव को अपनाया था। संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि निकोलस डे रिविरे ने ट्विटर पर कहा कि प्रस्ताव 2532 को अपनाने के एक साल के बाद सुरक्षा परिषद ने कोविड स्थिति पर बैठक की।
अगस्त में समग्र रुख अपनाएगा भारत
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत अगले माह अगस्त में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समग्रता का रुख अपनाते हुए नौसैनिक सुरक्षा, साझा समृद्धि और अन्य सुरक्षा हितों का विशेष ध्यान रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति में नौसैनिक सुरक्षा हमेशा से सबसे अहम रही है।
आतंकवाद रोधी भूमिका में की सराहना
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद जैसे खतरनाक मुद्दे पर बेहद अहम भूमिका निभाई है। कूटनीतिक तरीके से संघर्ष बचाने और आतंकवाद की रोकथाम की कोशिशें हुई हैं।