लाखों युवा कर्मचारी ठेकेदारों की गुलामी झेलते हैं होता आर्थिक शारारिक व मानसिक शोषण
भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में एक और पड़ाव पार कर लिया है। उन्होंने अपने आज के मुकाबले में हांगकांग की चीयूंग नगन यी को 2-0 से हरा दिया है। सिंधु ने पहला गेम 21-9 और दूसरा गेम 21-16 से जीता। सिंधु की इस ओलंपिक में ये दूसरी जीत है और वह नॉकआउट स्टेज में पहुंच गई हैं। सिंधु से भारत को गोल्ड मेडल की उम्मीद है।
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बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में फसलों पर कीटों की नई प्रजातियों का आक्रमण वैज्ञानिकों के लिए चुनौती: प्रो बी.आर.काम्बोज
चण्डीगढ 28 जुलाई- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि वैज्ञानिकों को वर्तमान समय की कीट समस्याओं को ध्यान में रखकर ही अनुसंधान कार्य करने चाहिएं। साथ ही, ऐसे प्रबंधन उपायों की खोज पर बल दे जो कीटों की रोकथाम करें और मनुष्य के स्वास्थ्य व वातावरण के लिए भी सुरक्षित हों।
कुलपति ने कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के वार्षिक तकनीकी कार्यक्रम में वैज्ञानिकों से ऑनलाइन रूबरू होते हुए उन्हें भविष्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।उन्होंने कहा कि बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में फसलों पर कीटों की नई प्रजातियों का आक्रमण वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है। किसान जागरूकता के अभाव में बिना वैज्ञानिक सलाह के फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों व रसायनों का मिश्रित छिडक़ाव कर रहे हैं जो बहुत ही नुकसानदायक साबित हो रहा है। इससे न केवल पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है बल्कि फसलों पर भी विपरीत असर पड़ रहा है और किसान को आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। इसलिए वैज्ञानिकों को इन सब पहलुओं को ध्यान में रखकर अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा किसान समुह बनाकर किसानों को जागरूक एवं प्रेरित करें और उन्हें फसलों पर कीटनाशकों व अन्य रसायनों के प्रयोग के लिए जानकारी मुहैया करवाएं। इसके लिए समय-समय पर किसानों को सलाह मशविरा एवं हिदायतें भी जारी की जानी चाहिए। साथ ही, वैज्ञानिक अपने शोध कार्यों को इस प्रकार से आगे बढ़ाएं कि किसानों को कीटों की समस्या से निजात मिल सके और पर्यावरण पर भी उसका कोई दुष्प्रभाव न हो।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में फसलों में दिए जाने वाले रसायनों व उर्वरकों का अगली फसलों पर पडऩे वाले प्रभावों व फसल प्रणाली के अनुसार अनुसंधान किया जाना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र व अनुसंधान केंद्र विश्वविद्यालय का आइना होते हैं। इसलिए वे किसानों को विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की जाने वाली हर उन्नत किस्मों व तकनीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा अवगत कराएं ताकि अधिकाधिक किसान फायदा ले सकें। साथ ही विभाग द्वारा किसानों की सहायता के लिए जरूरी तकनीकी विशेषांक उपलब्ध करवाएं।कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के निदेशक व विभागाध्यक्ष सहित कई कृषि विशेषज्ञ मौजूद रहे, जिन्होंने शोध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए भविष्य के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए।
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चण्डीगढ, 28 जुलाई- हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उनके प्रति सम्मान, सुरक्षित और उपयुक्त वातावरण बनाए रखने का संकल्प दोहराना है। इस दिन समाज में रोल मॉडल के रूप में कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित करने का मूल लक्ष्य भी यही है।
श्रीमती ढांडा ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं की रचनात्मक भूमिका के बगैर समाज और राष्ट्र के विकास की कल्पना ही बेमानी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की महिलाएं प्रतिभावान, मेहनतकश और बहादुर हैं, जिन्होंने उच्च राजनैतिक पदों को सुशोभित करने के साथ-साथ शिक्षा, खेल और समाज कल्याण के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा की छाप अंकित की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए पहले से ही सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को आगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार ने आवेदन आमंत्रित किए हैं ताकि अन्य महिलाएं उनसे प्रेरित होकर महिला शक्तिकरण की दिशा में आगे आएं।श्रीमती ढांडा जिन पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगे गए हैं, उनमें इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार, कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार, बहन शन्नो देवी पंचायती राज पुरस्कार, लाईफटाईम अचीवर्स अवार्ड तथा एएनएम / नर्स/ महिला एमपीडब्ल्यू (पुरस्कार की संख्या दो) व महिला खिलाड़ी शामिल हैं। इसी प्रकार, साक्षर महिला समूह सदस्य (पुरस्कार की संख्या दो), सरकारी कर्मचारी (पुरस्कार की संख्या दो), सामाजिक कार्यकर्ता (पुरस्कार की संख्या दो) तथा महिला उद्यमी (पुरस्कार की संख्या दो) के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और 21 हजार से 1 लाख 50 हजार रुपए तक की नकद राशि दी जाएगी। इसके लिए महिलाएं 18 अक्तूबर, 2021 तक आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए योग्यताएं व शर्तें विभाग की वेबसाइट www.wcdhry.gov.in पर उपलब्ध हैं।उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट महिलाओं द्वारा अपने सम्पूर्ण बायोडाटा और समाज में दिए गए अपने योगदान की विस्तृत जानकारी के साथ आवेदन संबंधित जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कार्यालय के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में दिए जाते हैं