Jammu Kashmir: पीएम रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कश्मीरी समाज में रोष, आधा वेतन मंजूर नहीं

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प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरियों पर लगे कश्मीरी पंडित कर्मियों के हक में कश्मीरी पंडित समाज उतरने लगा है। पैकेज के तहत नए तैनात हो रहे कर्मियों को अब दो साल तक कम वेतन पर काम करना होगा। इसको लेकर कश्मीरी समाज में गुस्सा है।

एक तो कश्मीर घाटी में जाकर नौकरी करनी है और वहीं तकरीबन आधे वेतन पर काम करेंगे तो गुजारा कैसे होगा। प्रशासन के आए नए आदेश का अब कश्मीरी पंडित संगठन विरोध करने लगे हैं। उनका कहना है कि कश्मीरी पंडित को राहत देने के लिए रोजगार पैकेज शुरू हुआ था जिसमें 6 हजार पद रखे गए थे। आधे से अधिक पद भर दिए गए हैं, बाकी के पदों को अब शर्त लगाकर भर रहे हैं। यह बेइंसाफी है और कश्मीरी समाज इसके खिलाफ आवाज उठाने पर मजबूर है।

पनुन कश्मीर के प्रधान विरेंद्र रैना का कहना है कि सरकारी आदेश बराबरी के हक की अवहेलना करता है। जब सरकारी कर्मचारी पूरी डयूटी देता है तो वह कम वेतन क्या लेगा। वहीं उन हालात में जब महंगाई बहुत ज्यादा है, और कश्मीरी पंडित कर्मियों को घाटी जाकर अपनी डयूटी देनी है। इसे किसी भी हाल में सहन नही किया जा सकता। वहीं पैकेज के तहत तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाओं से भी वंचित किया गया है।

विस्थापित कश्मीरी पंडितों के नेता शादी लाल पंडिता का कहना है कि घाटी में अभी भी साजगार माहौल नही है। पैकेज पर तैनात कश्मीरी पंडितों को कठिन दौर में रहकर अपनी डयूटी देनी है। इस पर कोई कहे कि कम वेतन लो, तो यह इंसाफ नही है। पैकेज के तहत नौकरियों पर लग रहे कश्मीरी पंडित युवाओं के हक के लिए सारा कश्मीरी पंडित समाज एकजुट होने लगा है। जल्दी ही हम लोग केंद्र सरकार में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और इस मामले को उठाएंगे।