आपत्ति करने वालों को खुले मंच पर आकर प्रमाणों के साथ डिबेट करने की खुली चुनौती

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फरीदाबाद/मामेंद्र कुमार : महाशय जयप्रकाश तंवर ने कहा कि यदि किसी अन्य समाज को इस पर आपत्ति है तो हम उसको खुले मंच पर आकर प्रमाणों पर डिबेट करने की खुली चुनौती देते है। सम्राट मिहिर भोज को लेकर क्षत्रिय और गुर्जर समाज में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। श्री तंवर का उद्बोधन इसी विवाद के संदर्भ में था। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के द्वारा गांव अनंगपुर में रविवार को गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज और गुर्जर महाराज अनंगपाल प्रथम की मूर्तियों की स्थापना की गई। कार्यक्रम का आयोजन शीशपाल भड़ाना और गुर्जर समन्वय समिति  अध्यक्ष बाबा अंतराम तंवर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

 

सर्व प्रथम चौपाल पर हवन का आयोजन किया गया।  उसके पश्चात मुख्य अतिथि बाबा अंतराम तंवर, ऐबीवीजीएम  के संस्थापक नरेंद्र गुर्जर, बलराज प्रधान, प्रभाकर भट्ट, चरण सिंह, शीशपाल भड़ाना, डॉक्टर रूप सिंह, रणवीर चंदीला, तिलक राज बैसला, ज्ञानचंद भड़ाना, ओमप्रकाश बैसला, बलराज भड़ाना ,सुभाष तंवर अधिवक्ता के द्वारा मूर्तियों का अनावरण किया गया। इसके पश्चात आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने फ़ोन पर सभा को सम्बोधित करते हुए इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रतिहारो को कदवाहा और राजोर के शिलालेखों में, परमारो को घागसा के शिलालेख, तिलकमंजरी, सरस्वती कंठाभरण में, चालुक्यों को कीर्ति कौमुदी और पृथ्वीराज विजय में, चौहानो को पृथ्वीराज विजय और यादवो के शिलालेखों में गुर्जर जाति का लिखा हुआ है। दिल्ली ट्रेवल गाइड में और लालकोट किले के संजय वन में दिल्ली सरकार के  डी डी ऐ विभाग द्वारा लगवाए गए बोर्ड पर लिखा है की लाल कोट किले को गुर्जर तंवर चीफ अनंगपाल ने 731 ईसवी को बनवाया था।

इस अवसर पर मंच संचालन करते हुए महाशय जय प्रकाश तंवर ने बताया कि अब ये मुहीम रुकने वाली नहीं है। अब से हर गुर्जर के गांव में ऐसी ही मूर्तिया लगवाई जाएँगी। जो हमारा इतिहास एक साजिश के तहत दबा दिया गया है उसको अब उजागर किया जायेगा। यदि किसी अन्य समाज को इस पर आपत्ति है तो हम उसको खुले मंच पर आकर प्रमाणों पर डिबेट करने की खुली चुनौती देते है। कालिंजर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रभाकर भट्ट ने बताया कि गुर्जरो के गौरव पूर्ण इतिहास को जन जन तक पहुँचाने के प्रयासों को अब और गति प्रदान करनी होगी तभी दुनिया को इस असली वीर जाति के बल और पराक्रम का पता चलेगा। रागिनी गायक हरेंद्र नागर ने गुर्जर महापुरुषों पर बनी रागनिया सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।

इस कार्येक्रम में 16 प्रदेशो से आए गुर्जर समाज के लोगो ने कार्येक्रम की शोभा बढ़ाई । इस अवसर पर महेश फागना, पृथ्वीराज कसाना, रुपेश डेढ़ा, गौरव तंवर, जीतेन्द्र लाला, टीटू गुर्जर, श्याम सिंह भाटी, मनबीर तंवर, अभिनव गुर्जर, परमिंदर तंवर, योगेंद्र बसोया, पप्पू मावई, हरेंद्र नागर, महेश लोहमोड़, उमेश गुदराना, रवि नागर, शैलेन्द्र कसाना, मोहित नागर, कालू गुर्जर, हरीश गुर्जर, अमित खारी, आज़ाद मावई, उमेश भाटी सहित सैंकड़ो अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के कार्येकर्ता उपस्थित थे।