हरियाणा में डिफाल्टर बिजली उपभोक्ताओं के लिए नई योजना, 25% पैसा जमा कराने पर दोबारा जुड़ेंगे कनेक्शन

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हरियाणा सरकार ने 21 लाख से अधिक डिफाल्टर बिजली उपभोक्ताओं से 6532 करोड़ रुपये की बकाया वसूली के लिए एक नई योजना शुरू की है। कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत पैसा जमा करवाते ही उपभोक्ताओं के कटे हुए बिजली के कनेक्शन फिर से जोड़ दिए जाएंगे। बकाया वसूली के फार्मूले पर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने सीएम मनोहर लाल से चर्चा की है। मुख्यमंत्री को भरोसे में लेने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों को इस फार्मूले पर आगे बढ़ने के आदेश दिए गए हैं।

उत्तर एवं दक्षिण हरियाणा बिजली निगमों के 21 लाख डिफाल्टर उपभोक्ताओं में 15 लाख 41 हजार 286 ऐसे उपभोक्ता भी हैं, जिन पर पैसा बकाया है, लेकिन उनके कनेक्शन नहीं काटे गए हैं। उन्हें बार-बार नोटिस दिए जा रहे हैं। इनमें बड़ी कंपनियों व सरकारी विभाग भी शामिल हैं। इन उपभोक्ताओं से निगमों को तीन हजार 798 करोड़ 48 लाख रुपये लेने हैं। पांच लाख 59 हजार 635 डिफाल्टर उपभोक्ताओं के बकाया के चलते कनेक्शन काटे जा चुके हैं।

इनसे बिजली निगमों को दो हजार 74 करोड़ 22 लाख रुपये वसूलने हैं। दोनों तरह के उपभोक्ताओं से पैसा वसूलने के लिए निगमों ने कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा करवाने को कहा है। यह पैसा जमा करवाने के बाद उपभोक्तओं के कटे हुए कनेक्शन फिर से जोड़ दिए जाएंगे। बाकी 75 प्रतिशत पैसा 12 माह में समान किस्त में दिया जा सकेगा। इसमें शर्त यह लगाई गई कि उपभोक्ताओं को अपने मासिक बिजली खर्च बिल के साथ किस्तों का भी नियमित रूप से भुगतान करना होगा।
डिफाल्टरों में सरकारी विभाग, उद्योगपति और आम उपभोक्ता भी

दक्षिण हरियाणा के जिलों में बिजली डिफाल्टरों की संख्या काफी अधिक है। कुल छह हजार 536 करोड़ के बकाया में से दक्षिण हरियाणा के जिलों के उपभोक्ताओं पर चार हजार 666 करोड़ 67 लाख रुपये की देनदारी है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीन 13 लाख 85 हजार 556 उपभोक्ता डिफाल्टर की सूची में शामिल हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के सात लाख 15 हजार 365 उपभोक्ताओं पर 1866 करोड़ रुपये बकाया हैं।

इंडस्ट्री के कुल 34 हजार 444 कनेक्शन डिफाल्टर लिस्ट में हैं। इनमें से 19 हजार 354 के बिजली कनेक्शन भी कटे हुए हैं। डिफाल्टरों की सूची में शामिल उद्योगपतियों पर 726 करोड़ 14 लाख रुपये बकाया हैं। सरकारी विभागों पर 524 करोड़ 97 लाख रुपये बकाया है। सिंचाई, पब्लिक हेल्थ, विकास एवं पंचायत, पुलिस व शहरी स्थानीय निकाय विभाग सहित कई विभागों में बिजली के कनेक्शन पैसा जमा नहीं करवाने की वजह से कटे हुए हैं।