लखनऊ में धमकियों का दौर जारी, अयोध्या के विवादित ढांचा की सुनवाई से जुड़े रिटायर्ड जज को धमकी

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लखनऊ : स्वतंत्रता दिवस करीब आने के साथ ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धमकियों का दौर भी तेज होता जा रहा है। राजधानी के नामचीन मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकियों के बीच में अब अयोध्या राम मंदिर विवाद मामले की सुनवाई से जुड़े सेवानिवृत न्यायाधीश को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है।

अयोध्या के विवादित ढांचा की लम्बी सुनवाई से जुड़े सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रहे सेठ शैलेंद्र नाथ टंडन को फोन पर धमकी मिली है। रिटायर्ड जज ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को जानकारी देने के साथ ही गोमतीनगर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उनके आवास पर सुरक्षा बढ़ाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस सॢवलांस के माध्यम से मामले की छानबीन कर रही है।

लखनऊ में गोमतीनगर के विराम खंड पांच में रहने वाले सेवानिवृत जज को विवादित ढांचा का फैसला आने के बाद से सुरक्षा दी गई थी। आरोप है कि शुक्रवार रात उन्हेंं अंजान नंबर से फोन आया था। फोन उठाते ही युवक उन्हेंं गालियां देने लगा। इस पर सेवानिवृत जज ने फोन काट दिया। इसके कुछ देर बाद उनके मोबाइल फोन पर धमकी भरे मैसेज आने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने गोमती नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी। इसके बाद सेवानिवृत जज सुरक्षाकर्मियों के साथ गोमतीनगर थाने पहुंचे और शिकायत की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मोबाइल फोन नंबर के धारक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। पुलिस के मुताबिक सॢवलांस की मदद से फोन करने वाले की तलाश की जा रही है। इंस्पेक्टर गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी ने बताया कि जिस नंबर से फोन किया गया था, उसका सिम कार्ड फर्जी आईडी से खरीदे जाने की जानकारी मिली है। अब इस प्रकरण में सॢवलांस सेल की मदद से छानबीन की जा रही है।

इससे पहले लखनऊ में लीगंज नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर और आरएसएस कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी भरे पत्र मिलने से पुलिस ने वहां पर सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया है। इसी दौरान सोमवार को एक धमकी भरा पत्र खदरा स्थित नानक शाही मठ भी पहुंचा। यहां भी पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया। मठ के महंत धर्मेंद्र दास को यह पत्र मिला। मठ अखिल भारतीय उदासीन संप्रदाय संगत से संबद्ध है। धमकी भरा पत्र मिलते ही महंत ने हसनगंज पुलिस को आनन फानन मामले की जानकारी दी। इंस्पेक्टर हसनगंज यशकांत सिंह ने बताया कि अलीगंज नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर और नाकक शाही मठ में भेजे गए पत्र की भाषा एक ही है।

पत्र के बारे में जांच की जा रही है। मठ के महंत धर्मेंद्र दास ने बताया कि वह और मठ के महंत मनीषा नंद की कई दिनों से बाहर थे। पांच दिन पहले यह पत्र मठ के गो-सेवक विपिन को मिला था। पत्र रजिस्टर्ड डाक से आया था। पत्र में लिखा गया कि जिन मुजाहिदो को आपकी हुकूमत की ईन्तहाई फिरकापरस्त सोच की वजह से गिरफ्तार किया गया है। उन्हेंं फौरन रिहा कर दिया जाए। हमारी कौम से सब्र का ईम्तहान न लिया जाए। इसके अलावा लिखा गया कि शहर के प्रमुख मंदिरों और आरएसएस कार्यालय निशाने पर है। 15 अगस्त से एक दिन पहले पकड़े गए लोगों की रिहाई के लिए कहा गया। ऐसा न करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।