कोरोना के खिलाफ मजबूत सुरक्षा मुहैया करा सकती है नई वैक्सीन, शोधकर्ताओं का दावा

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कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले की दिशा में ज्यादा प्रभावी वैक्सीन और दवाओं की तलाश में निरंतर शोध किए जा रहे हैं। इसी प्रयास में जुटे विज्ञानियों ने प्रोटीन आधारित एक नई वैक्सीन विकसित की है। यह वैक्सीन शरीर में पहुंचने के बाद वायरस का आकार लेती है। इस तरीके से कोरोना के खिलाफ ज्यादा मजबूत सुरक्षा मुहैया हो सकती है। पशुओं पर परीक्षण में इस वैक्सीन से मजबूत एंटीबाडी रिस्पांस पाया गया।

एसीएस सेंट्रल साइंस पत्रिका में छपे अध्ययन के शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहों को ऐसे नैनोपार्टिकल के साथ यह वैक्सीन लगाई गई, जो कोरोना का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस जैसा आकार लेकर रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) एंटीजन की प्रतिकृति तैयार करते हैं। प्रोटीन आधारित ज्यादातर टीके इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को आरबीडी की पहचान करने में दक्ष करने का काम करते हैं।

आरबीडी कोरोना के स्पाइक प्रोटीन का एक हिस्सा है। यह वायरस इसी प्रोटीन के इस्तेमाल से मानव कोशिकाओं में दाखिल होता है और संक्रमण फैलाता है। हालांकि सभी टीकों से एंटीबाडी और टी सेल रिस्पांस मिल नहीं पाता है। ये दोनों दीर्घकालीन इम्युनिटी के लिए महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पूर्व में पालीमर्सोम नामक एक वैक्सीन डिलिवरी टूल विकसित किया था। यह टूल एंटीजन और एजवेंट्स को इम्यून सेल्स (प्रतिरक्षा कोशिकाओं) में पहुंचा सकता है।

एजवेंट्स हेल्पर मोलीक्यूल होते हैं, जो इम्यून रिस्पांस को मजबूत करने का काम करते हैं। शोधकर्ताओं की टीम यह जानकर चकित रह गई कि अगर इस तरीके में कुछ बदलाव किया जाए तो एंटीबाडी रिस्पांस को और बेहतर किया जा सकता है। उन्होंने लैब में कुछ बदलाव के बाद नैनोपार्टिकल के साथ एजवेंट्स युक्त पालीमर्सोम की खुराक चूहों को दी। इसके बाद इसके प्रभाव पर गौर किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि इंसानों पर नई वैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा को आंकने की जरूरत है।