स्वदेशी के सर्व प्रथम प्रणेता थे महर्षि दयानंद -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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दिल्ली, मामेंद्र कुमार :  केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव” ऑनलाइन मनाया गया । यह कॅरोना काल में 264 वा वेबिनार था । वैदिक विद्वान आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि राष्ट्र सर्व प्रथम है यह भावना भरने की आज आवश्यकता है । वैचारिक स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी स्वर का यहाँ कोई काम नहीं है । ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आने की आवश्यकता है । राष्ट्र में सभी को जीने का समान अधिकार है यह सुनिश्चित होना चाहिए । स्वाधीनता की सुरक्षा ही क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है । आंतकवादी व उनके सहयोगी क्षमा योग्य नहीं हो सकते ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने अमर ग्रन्थ “सत्यार्थ प्रकाश” में स्वदेशी की अवधारणा पोषित की थी । उन्होंने कहा था कि कोई कितना भी करे परंतु स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम है । देश की आजादी की लड़ाई में महर्षि दयानंद से प्रेरणा पाकर हजारों नोजवान कूद पड़े । आर्य समाज के आंदोलन ने हैदराबाद के निजाम को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया । यह इतिहास नयी पीढ़ी को बतलाने की अत्यंत आवश्यकता है । मुख्य अतिथि आर्य नेता रमेश गाडी व अध्यक्ष स्वदेश कुमार शर्मा ने भी राष्ट्र विरोधी ताकतों को सख्ती से कुचलने की मांग की ।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने राष्ट्र रक्षा का संकल्प दिलवाया । गायिका दीप्ति सपरा, प्रवीना ठक्कर, आशा आर्या,ईश्वर देवी,कृष्णा गांधी,विजय कपूर, नरेंद्र आर्य सुमन,राजकुमार भंडारी,मर्दुल अग्रवाल,सुशांता अरोड़ा, रजनी गर्ग,रजनी चुघ,किरण सहगल, वीरेन्द्र आहूजा, देवेन्द्र गुप्ता, रवीन्द्र गुप्ता, सुषमा बजाज आदि ने देशभक्ति गीतों से समा बांध दिया । प्रमुख रूप से राजेश मेहंदीरत्ता, संध्या पाण्डेय, रंजना मित्तल,आस्था आर्या,कमलेश हसीजा, महेंद्र भाई,प्रेम हंस आदि उपस्थित थे ।