आर्थिक विकास के क्षेत्र शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए समझौता

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फरीदाबाद : जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज आर्थिक विकास के क्षेत्र शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किए। #jcboseustymca #faridabad #ballabgarh

समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग और अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ की ओर से प्राचार्य डॉ. कृष्ण कांत गुप्ता हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर निदेशक इंडस्ट्री रिलेशन्स डॉ. रश्मि पोपली और विश्वविद्यालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
 कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अकादमिक समझौते के माध्यम से दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल के लिए अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ को बधाई दी।इस अकादमिक सहयोग पर बोलते हुए डॉ गर्ग ने कहा कि साझेदारी का उद्देश्य देश में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के तौर-तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए आपसी समझ, अकादमिक सहयोग और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि दोनों संस्थानों के बीच सहभागिता से विभिन्न विषयों के संकाय सदस्य, छात्र और शोधकर्ता जुड़ेंगे और परस्पर अकादमिक एवं अनुसंधान पर कार्य करेंगे, जिससे भविष्य में नवाचार और अनुसंधान के फलदायी परिणाम आयेंगे।
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भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास पर वेबिनार का आयोजन

फरीदाबाद, 19 अगस्त – जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा विज्ञान भारती (विभा) हरियाणा, फरीदाबाद के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। भारत की आजादी के 75 वर्षों के गौरवशाली इतिहास और इससे जुड़े लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों का उत्सव मनाने उद्देश्य से मनाया जा रहा अमृत महोत्सव भारत सरकार का एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। निदेशक सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) प्रो रंजना अग्रवाल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रही तथा अपने संबोधन में उन्होंने भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान से अवगत कराया। उन्होंने औपनिवेशिक काल के दौरान भारत के महान वैज्ञानिकों द्वारा किए गए बलिदानों को सच्चे अर्थों में देशभक्ति के रूप में वर्णित किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईओसीएल आरएंडडी सेंटर के डीजीएम (सेवानिवृत्त) श्री कृष्ण सिंघल रहे,े जिन्होंने चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट के युग से लेकर जे.सी. बोस, सर सीवी रमन, आचार्य पीसी रे, मेघनाथ साहा के माध्यम से भारतीय विज्ञान का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
वेबिनार में विभा के सदस्यों तथा विभिन्न कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। वेबिनार का संचालन विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बिंदु मंगला और डॉ. अनुराग गौड़ द्वारा किया गया।
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JC Bose University signs MoU with Aggarwal College Ballabgarh

Faridabad(abtaknews.com)19 August,2021: J.C. Bose University of Science and Technology, YMCA, Faridabad today signed a memorandum of understanding (MoU) with the Aggarwal College Ballabgarh to work for collaborative academic programs in the area of economic development.

The MoU was signed by Registrar Dr. S.K. Garg on behalf of the J.C. Bose University and Principal Dr. Krishan Kant Gupta on behalf of the Aggarwal College Ballabgarh. Director Industry Relations Dr. Rashmi Popli and University officials were also present on this occasion.
The Vice Chancellor Prof. Dinesh Kumar congratulated the Aggarwal College Ballabgarh for its initiative to promote academic and research activies between both institutions through this academic tie-up.
Speaking on this academic collaboration, Dr. Garg said that the partnership is aimed to promote mutual understanding, academic collaboration and research to explore the ways and means to achieve the goal of self-reliance in the country.
Dr. Krishan Kant said that the collaborative platform of both institutions would connect the faculties, students, and researchers across different disciplines and develop specialized groups for academic and research, leading to cutting-edge innovations and research with the fruitful outcome.
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Webinar on Development of Science and Technology
Faridabad, 19 August – J.C. Bose University of Science and Technology YMCA, Faridabad organized a national webinar on ‘Development of Science and Technology in India’ to celebrate Azadi Ka Amrit Mahotsav in association with Vigyan Bharati Haryana, Faridabad.
The Amrit Mahotsav is an intense nationwide campaign by the Government of India to celebrate the glorious history of the 75 years of independence of progressive India and the people associated with it, culture and achievements. It will ensure the participation of every citizen and thus small changes starting from the local level will turn into a full-fledged national mass movement.
Program was presided over by Vice Chancellor Prof. Dinesh Kumar. The Chief Guest of the program was Director CSIR-National Institute of Science Communication and Policy Research (NIScPR) Prof. Ranjana Agrawal and enlightened the gathering about the contribution of Indian scientists in development of Science and Technology in India. She described the sacrifices made by great scientists of India during the colonial period in a true sense of patriotism.
The keynote speaker was DGM (retd) IOCL, R&D Centre Mr. Krishna Singhal who gave a broad sketch of Indian sciences starting from the era of Charak, Sushruta, Aryabhatta and through Sir JC Bose, Sir CV Raman, Aacharya PC Ray, Meghnath Saha and till modern era and modern technology like petrochemicals and Space Technology in India.
The webinar was well attended by members of VIBHA and students and teachers of different colleges and universities. The webinar was convened by Dr. Bindu Mangla and Dr. Anurag Gaur, Associate Professors of the University.