आशानंद जी ने यज्ञ,संस्कृत, शिक्षा का प्रसार किया -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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दिल्ली, मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आर्य प्रचारक आशानंद शास्त्री जी का 120 वा जन्मोत्सव ऑनलाइन उत्साहपूर्वक मनाया गया । यह कॅरोना काल में 282 वा वेबिनार था । मुख्य वक्ता स्वामी आर्य वेश जी (प्रधान, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा) ने कहा कि जीवित माता पिता का सम्मान, सेवा सुश्र्वा ही सच्चा श्राद्ध है । आज टूटते परिवार चिंता का विषय है । माता पिता को दुत्कारा जा रहा है उन्हें जीवन यापन के लिए कोर्ट की शरण में जाना पड़ रहा है । ऐसे समय में आर्य समाज के कार्यकर्ताओं को समाज में पुनः जीवन मूल्य स्थापित करने होंगे जिसमें माता पिता व गुरुवों का सम्मान हो इसके लिए सुसंस्कार देने की आवश्यकता है । यही आशानंद शास्त्री जी को हमारी सही मायनों में श्रद्धांजलि होगी ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हमारे बुजुर्ग परिवार व समाज की नींव का कार्य करते हैं । उनके आशीर्वाद से सारे कार्य सुगमता पूर्वक सफल होते है । हमारी पुरातन संस्कृति संयुक्त परिवार की रही है जिससे एक दूसरे का सम्मान बना रहता था । परन्तु परिवारों में विभाजन होने से माँ को या पिता को अपने पास कौन रखे एक प्रश्नचिन्ह बनता जा रहा है जो सभ्य समाज पर कलंक है । मुख्य अतिथि बोधराज सीकरी(प्रधान, जामपुरी बिरादरी) ने कहा कि शास्त्री जी का शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा उनकी विरासत में निर्धन व पिछड़े वर्ग में शिक्षा की निष्काम सेवा की आवश्यकता है । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि हम माता पिता का ऋण कभी नहीं चुका सकते । आर्य नेता पुष्पा शास्त्री व सुरेन्द्र शास्त्री ने आभार व्यक्त किया ।

साहित्यकार ओम सपरा,विमलेश बंसल, राजेश मेहंदीरत्ता, रमेश गाडी, आचार्य मेघश्याम वेदालंकार,वंदना सचदेवा ने भी अपने विचार रखे ।
गायिका रजनी चुघ,प्रव ठक्कर, प्रवीन आर्या,रजनी गर्ग,सुदेश आर्या,रेखा गौतम, आशा आर्या,रवीन्द्र गुप्ता आदि ने मधुर भजन प्रस्तुत किये ।