भगतसिंह का बलिदान युवाओं का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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दिल्ली, मामेंद्र कुमार : ,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के 114 वें जन्मदिन पर ऑनलाइन श्रद्धांजलि अर्पित की गई।उल्लेखनीय है कि भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को लायलपुर(पाकिस्तान) में हुआ था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सदियों तक शहीद भगत सिंह का बलिदान युवाओं का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।आपने शक्तिशाली ब्रिटिश शासन की नींव हिला डाली इस 23 वर्ष के नोजवान से ब्रिटिश सरकार घबराती थी।साइमन कमीशन के बहिष्कार के प्रदर्शन में लाला लाजपतराय के बलिदान से आहत युवकों ने बदला लेने का निश्चय किया और लाहौर में 17 सितम्बर 1928 को जे पी सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी।केन्द्रीय संसद में 8 अप्रैल 1929 को बटुकेश्वर दत्त के साथ बम और पर्चे फेंके और भागे नहीं उनका मानना था कि बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाके की आवश्यकता होती है।गांधी जी के असहयोग आंदोलन स्थगित करने के कारण वह क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद,सुखदेव, राजगुरु के साथ जुड़ गए।आज भगत सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प प्रत्येक भारतीय को लेना होगा तभी हम अपने परिवार,घर,फैक्टरियों व संस्कृति की रक्षा कर पायेगे।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि क्रांतिकारियों के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम में पढ़ाने की आवश्यकता है जिससे वह राष्ट्र के महान क्रांतिकारियों से परिचित हो सकें जिनके कारण हम आजादी की सांस ले रहे हैं। आचार्य महेन्द्र भाई ने कहा कि भगत सिंह का पूरा परिवार ऋषि दयानन्द का भक्त था जिसके कारण परिवार में स्वतंत्रता के लिए बीज बौने के संस्कार मिले। गायिका रजनी गर्ग,प्रवीन आर्या, रजनी चुघ, दीप्ति सपरा,जनक अरोड़ा,रवीन्द्र गुप्ता,प्रवीना ठक्कर,नरेश खन्ना,नरेंद्र आर्य सुमन के गीत हुए। प्रमुख रूप से आनन्द प्रकाश आर्य(हापुड़),वीना आर्या,आर पी सूरी,वेदप्रकाश आर्य,देवेंद्र भगत, ओम सपरा,आस्था आर्या आदि उपस्थित थे।