लालबहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति के स्तम्भ थे-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
दिल्ली, मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री जी के जन्मदिन पर “अहिंसा का अर्थ” ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया । यह कॅरोना काल में 291 वा वेबिनार था । नरेन्द्र आहूजा विवेक राज्य औषधी नियंत्रक, हरियाणा ने कहा कि अपनी एवं अपने राष्ट्र की आतंकवाद और पड़ोसी के विस्तारवाद से रक्षा करना अहिंसा है, चीन हमारी जमीन में घुसने की हिम्मत करता है हम युद्ध कर उसे परास्त करते हैं यह अहिंसा है । पड़ौसी देशों के आतंकी शिविरों को उनके घर मे घुस कर खत्म करके अपने राष्ट्र की सुरक्षा करना अहिंसा है । विश्व शांति एवं सुरक्षा के लिए किए गए सभी उपाय अहिंसा कहलाते हैं । कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे दूसरा आगे कर देना अहिंसा नहीं अपितु कायरता है । अहिंसक व्यक्ति कभी कायर नहीं अपितु अत्यन्त बलशाली धैर्यवान और ईश्वर की न्यायव्यवस्था पर पूर्ण विश्वास रखने वाला होता है। विरोध को अनुरोध से, घृणा को दया से , द्वेष को प्रेम से जीतना अहिंसा कहलाता है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा लालबहादुर शास्त्री एक निर्धन परिवार से उठकर भारतीय राजनीति के क्षितिज पर पहुंचे यह उनकी तपस्या का अनुपम उदाहरण है । उनकी सादगी, विनम्रता एक अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया और देश में एक उत्साह पैदा कर दिया । आज की राजनीति में लालबहादुर शास्त्री पवित्र व साफसुथरी छवि के एक आदर्श हो सकते हैं । मुख्य अतिथि जितेन्द्र खरबंदा व अध्यक्ष नरेन्द्र कस्तूरिया ने भी शास्त्री जी की कार्यशैली व नीतियों की प्रशंसा की ।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को उनके व्यक्तित्व का अनुसरण करना चाहिए।शास्त्री जी की पहचान उनकी ईमानदारी है। शास्त्रीजी ने देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि शास्त्रीजी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए और महात्मा गांधी जी को “महात्मा” की उपाधि स्वामी श्रद्धा नंद जी ने प्रदान की । गायिका रजनी चुघ,अंजू आहूजा, रजनी गर्ग, रचना वर्मा,ईश्वर देवी, बिंदु मदान, रविन्द्र गुप्ता,प्रतिभा कटारिया आदि ने मधुर गीत सुनाये । प्रमुख रूप से आनन्द प्रकाश आर्य,कुसुम भंड़ारी, राजेश मेहंदीरत्ता, डी पी परमार,सुरेन्द्र बुद्धिराजा,डॉ रचना चावला, मर्दुल अग्रवाल,धर्मपाल आर्य,वेद भगत,आस्था आर्या आदि उपस्थित थे ।