गुज़रे ज़माने की हसीन अदाकारा आशा पारेख का जन्मदिन है आज

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मुंबई, मामेंद्र कुमार : फिल्म समीक्षक कालीदास पांडे ने बताया कि बॉलीवुड में अपनी अदाकारी और खूबसूरती से हर किसी को अपना दीवाना बनाने वाली मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेख 1959 से लेकर 1973 तक वह बॉलीवुड फिल्मों की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल रही। आशा पारेख ने बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय की शुरुआत सन 1952 में फ़िल्म आसमान से की। गुजरे जमाने के चर्चित निर्देशक विमल रॉय के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘बाप बेटी’ में भी आशा पारेख  ने अभिनय किया जो कि 1954 में आई थी। 17 साल की उम्र में उन्होंने बतौर अभिनेत्री फिल्म ‘दिल दे के देखो’ में अभिनेता शम्मी कपूर के साथ काम किया था। सुबोध मुखर्जी द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन नासिर हुसैन ने किया था। यह फ़िल्म उस समय की सुपर हिट फ़िल्म साबित हुई और यहीं से शुरू हुआ उनका सफल फिल्मी सफर। आशा पारेख  ने कुल 90 फिल्मों में काम किया है उनके फिल्मों के नाम- ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘छाया’ जोकि 1961 में आई थी, ‘फिर वही दिल लाया हु’, ‘मेरी सूरत तेरी आँखे’, ‘भरोसा’, ‘बिन बादल बरसात’ जोकि 1963 में आई, ‘बहारों के सपने’, ‘उपकार’ जो कि 1967 में आई थी, ‘प्यार का मौसम’, ‘साजन’, ‘महल’, ‘चिराग’, ‘आया सावन झूम के’ जो 1969 में आई, ‘फिर आई कारवां’, ‘नादान’, ‘जवान मोहब्बत’, ‘ज्वाला’, ‘मेरा गाँव मेरा देश

 

1971 में आई थी। इस तरह से आशा जी ने फिल्मों की झड़ी लगा दी।आशा जी ने कई बड़े निर्माता और निर्देशकों के साथ काम किया। इसके अलावा आशा जी ने कई सीरियलों का निर्माण भी किया है, जिनके नाम है ‘पलाश के फूल’, ‘कॉमेडी सीरियल दाल में काला’ और इसके साथ ही ‘बाजें पायल’, ‘कोरा कागज’ जैसी सीरियल को बनाई है. इन सबके अलावा आशा पारेख जी ने गुजराती, पंजाबी, और कन्नड़ फ़िल्म में भी काम किया है. पंजाबी में उनकी फ़िल्म का नाम कंकड़ दे ओले, जो कि 1971 में आई, गुजराती में उनकी फ़िल्म अखंड सौभाग्यवती बनी थी और कन्नड़ में 1989 में उनकी फ़िल्म आई थी शरावेगदा सरदार। वैसे आशा पारेख 1971 में प्रदर्शित सुपर स्टार की फिल्म ‘कटी पतंग’ को अपनी बेहतरीन फिल्मों में से एक मानती हैं। इस फिल्म के लिए आशा पारेख को फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला था। आशा पारेख 1992 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। इसके अलावा फिल्मों में उनके योगदान के लिए साल 2002 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया था। उनकी व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने आज तक शादी नहीं की। लेकिन उनके और डायरेक्टर नासिर हुसैन के अफेयर के चर्चे 70 के दशक में खूब हुए। नासिर हुसैन और आशा पारेख एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे लेकिन दोनों का रिश्ता शादी तक नहीं पहुंच पाया। 2 अक्टूबर 1942 को महुआ (गुजरात) में जन्मी आशा पारेख 1994 से 2001 तक सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्षा और 1998-2001 तक केन्द्रीय सेंसर बोर्ड की पहली महिला चेयरपर्सन रह चुकी हैं। फ़िलवक्त आशा पारेख मुम्बई में एक डांस एकेडमी ‘कारा भवन’ का संचालन करती हैं और खुद को सामाजिक कार्यों में व्यस्त रखती हैं।

 

 

** अवार्ड और उपलब्धियां

 

 

** साल 1971 की फिल्म ‘कटी पतंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्म फेयर अवार्ड

 

 

** 1992 में पद्मा श्री अवार्ड।

 

 

**2002 में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड।

 

 

**2004 में कलाकार अवार्ड का लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

 

 

*2006 में सप्तरंग के सप्ताशी अवार्ड, अन्तराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी, गुजराती एसोसिएशन ऑफ़ उत्तर अमेरिका के पहले अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

 

 

**2007 में पुणे अंतराष्ट्रीय फ़िल्म फेयर सामारोह में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, बॉलीवुड अवार्ड जोकि लाइफ़ टाइम अचीवमेंट के लिया मिला, से सम्मानित हुई।

 

 

** भारतीय फ़िल्म उधोग में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय मोशन प्रोडूसर एसोसियसन द्वारा उन्हें समानित किया गया।

 

 

** 2011 में संस्कृति कल्चर फाउंडेशन की तरफ से संस्कृति कला श्री लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड।

 

 

** 2012 में, नासिक अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में दादा साहेब फाल्के  मेमोरियल द्वारा जीवन गौरव पुरस्कार प्राप्त हुआ।

 

 

**2014 में स्टारडस्ट द्वारा लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिय गया। आशाराम अकादमी द्वारा भीष्म अवार्ड।

 

 

** फेड्रेसन ऑफ़ इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा लीविंग लीजेंड अवार्ड से सम्मानित हुई।

 

 

** फ़िल्म फेड्रेसन ऑफ़ इण्डिया द्वारा अपनी फ़िल्मी सफ़र के लिए गोल्डन जुबली अवार्ड से सम्मानित।

 

 

** नासिक इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल, जयपुर इंटर नेशनल फ़िल्म फेस्टिवल, जागरण फ़िल्म फेस्टिवल, स्टारडस्ट में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही सबसे ज्यादा स्टालिश आइकॉन के लिए हिंदुस्तान टाइम्स का अवार्ड।

 

 

** आशा पारेख की  उल्लेखनीय फिल्में …..

 

 

1954 : धोबी डॉक्टर, बाप बेटी, श्री चैतन्य महा प्रभु

 

1956 : अयोध्यापति

 

1957 : उस्ताद, आशा

 

1959 : दिल दे के देखो

 

1960 : घूँघट, हम हिन्दुस्तानी

 

1961 : घराना, छाया, जब प्यार किसी से होता है

 

1962 : अपना बना के देखो

 

1964 : जिद्दी

 

1965 : मेरे सनम

 

1966 : आये दिन बहार के, तीसरी मंजिल, लव इन टोकियो, दो बदन

 

1967: बहारों के सपने

 

1968 : कही और चल, शिखर, कन्यादान

 

1970 : कंकन दे ओले यह एक पंजाबी फ़िल्म थी, कटी पतंग, नया रास्ता, भाई भाई, पगला कही का, नया रास्ता, आन मिलो सजना

 

1971 ज्वाला, मेरा गाँव मेरा देश, कारवां, जवान मोहब्बत, नादान

 

1972 : राखी और हथकड़ी, समाधि

 

1973 : हीरा

 

1974 : अनजान राहें

 

1975 : रानी और लाल परी, ज़ख्मी

 

1976 : उधार का सिंदूर

 

1977 : आधा दिन आधी रात

 

1978 : मै तुलसी तेरे आँगन की

 

1979 : बिन फेरे हम तेरे, प्रेम विवाह

 

1980 : सौ दिन सास के, बुलंदी

 

1981 : कालिया, खेल मुक़द्दर का

 

1984 : धर्म और कानून, मंजिल मंजिल, पाखंडी

 

1985 : लावा

 

1986 : कार थीफ

 

1988 : हमारा खानदान, मैं तेरे लिए, सागर संगम, हम तो चले परदेश

 

1989 : बंटवारा, हथियार

 

1993 : प्रोफ़ेसर की पड़ोसन

 

1994 : घर की इज्जत,भाग्यवान

 

1995 : आन्दोलन