बिजली संकट: कोयले की कमी को लेकर CM केजरीवाल बोले- देश में स्थिति नाजुक

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केंद्र सरकार के कोयले की पर्याप्त उपलब्धता होने के दावे के बावजूद दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई क्षेत्रों में कोयले की कमी का संकट पैदा हो गया है जिसके कारण बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है और बड़े पैमाने पर बिजली की कटौती की जा रही है। वहीं आज  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोयले की कमी से देश में स्थिति नाजुक बनी हुई है। हम सब मिलकर हालात सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली संकट को लेकर मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर पैनी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

हर समस्या के प्रति आंखें मूंद लेने की केंद्र की नीति देश के लिए घातक होगी: सिसोदिया 
इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को आरोप लगाया था कि केंद्र यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि कोयला संकट है और हर समस्या के प्रति आंखें मूंद लेने की उसकी नीति देश के लिए घातक साबित हो सकती है। उनका बयान कोयला मंत्रालय के यह कहने के बाद आया है कि विद्युत उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध है। साथ ही, मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति में व्यवधान आने की आशंका को पूरी तरह से गुमराह करने वाला करार देते हुए खारिज कर दिया।

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सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा कि कोयला संकट नहीं है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को एक पत्र नहीं लिखना चाहिए था। यह दुखद है कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस तरह का गैर जिम्मेदाराना रुख अपनाया है।” आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केंद्र सरकार संकट से ‘‘दूर भागने” के लिए बहाने बना रही है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि जब राज्यों और चिकित्सकों ने कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी है, तब केंद्र ने स्वीकार नहीं किया था कि ऐसा कोई संकट है।