जब 30 वर्ष बाद भोजपुरी के दिग्गज अभिनेता संजय पांडेय ने लगातार 10 दिन तक चलाई साइकिल

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मुंबई, मामेंद्र कुमार : गाँव की पगडण्डी पर खेतों के बीच 30  वर्ष बाद साईकिल चलाना रहा भावुक पल  संजय पांडेय भोजपुरी के दिग्गज अभिनेता संजय पांडेय जब 30 वर्षों के बाद गाँव की पगडण्डी पर खेतों के बीच साईकिल चलाये तो काफी भावुक हो गये और बरबस ही उनकी आँखें भर आईं। जी हाँ, संजय पांडेय एक ऐसे सशक्त अभिनेता हैं, जो भोजपुरी फिल्मों में हार्डकोर विलेन से लेकर हर तरह के किरदार निभाया है। मगर वे पहली बार किसी भोजपुरी फ़िल्म में साइकिल चलाते नजर आएंगे। वरना जब वे तमाम फिल्मों में मेन विलेन का रोल करते हैं तो बीएमडब्ल्यू जैसी बड़ी-बड़ी गाड़ियों से अपने काफिले के साथ वह उतरते हैं। लेकिन अब संजय पांडेय अकेले खेतों के बीच साइकिल से रुपहले परदे पर घूमते दिखेंगे। दरअसल निर्देशक संजय श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में बन रही भोजपुरी फिल्म “भाग्यवान” की शूटिंग संजय पांडेय कर रहे हैं जिसमें उनका रोल ऐसा है कि उन्हें साइकिल चलानी पड़ रही है। इस फ़िल्म के हीरो राघव पांडेय हैं, नायिका श्रुति राव हैं और हीरो के किसान पिता की भूमिका

संजय पांडेय ने तीन दशक के बाद साइकिल चलाई तो उनकी बचपन की यादें ताजा हो गईं। सवाल के जवाब में संजय पांडेय बताया कि बचपन में मैं साइकिल चलाया करता था और आज 30-35 वर्षों बाद साइकिल चलाई। यूनिट के लोग घबराए हुए थे कि मैं साइकिल चला पाऊंगा या नहीं लेकिन चूंकि बचपन में साइकिल चलाई थी इसलिए कोई दिक्कत नही हुई। मगर मैंने 10 दिनों तक लगातार साइकिल चलाई।

उन्होंने आगे बताया कि निर्माणाधीन भोजपुरी फिल्म “भाग्यवान” जमीन से जुड़ी हुई फ़िल्म है, जो आपको भाव विभोर कर देगी। यह फ़िल्म दर्शकों को हंसाएगी भी और रुलाएगी भी। फ़िल्म के निर्देशक संजय श्रीवास्तव इसे खूबसूरती से फ़िल्मा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर की पावन धरती खलीलाबाद में बाबा मोशन फिल्म्स प्रस्तुत निर्देशक संजय श्रीवास्तव के निर्देशन में भोजपुरी फिल्म  “भाग्यवान” की शूटिंग जोर शोर की जा रही है। फ़िल्म के निर्माता शंभू पांडेय हैं। लेखक शकील नियाजी हैं। संगीतकार अमन श्लोक, डीओपी जगमिंदर हुंडल पाजी, सह निर्देशक आजम खान हैं। फ़िल्म के कलाकार राघव पांडेय, श्रुति राव, संजय पांडेय, बंटी बाबा, राघवेंद्र पांडेय, विनोद मिश्रा, सोनिया मिश्रा, बबलू खान, अंजलि, राम नाथ चौरसिया, कविता आदि हैं।