बीके अस्पताल में 4 माह से नहीं आईं आयरन व कैल्शियम की गोलियां, गर्भवती महिलाएं हो रही परेशान

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फरीदाबाद : औद्योगिक शहर फरीदाबाद के सबसे बड़े बादशाह खान अस्पताल में इन दिनों प्रसूताओं को जीवन दायनी दवाईयों के लिए निजी मेडिकल स्टोर की और रूख करना पड़ रहा है। क्यूंकि अस्पताल में पिछले चार माह से आयरन और कैल्शियम की दवाईयां ही नहीं है। ऐसे में सरकार मरीजों को मुफ्त दवा के दावे करती है। इन दावों की हवा निकलती नजर आ रही है। प्रसूताओं के लिए गर्भावस्था में कितना जरूरी है आयरन और कैल्शियम इसके लिए बीके अस्पताल की ओपीडी में दिखाने के लिए आने वाली हर प्रसूता के कार्ड पर महिला चिकित्सक आयरन और कैल्शियम जरूर लिखती है।


लेकिन बीके अस्पताल की औषधी केन्द्र में महिलाओ को साल में करीब 6 माह यह दवा नहीं मिलती है। इन दिनों डेंगू, मलेरिया और वायरल का प्रकोप है। इस बीच महिलाओं के शरीर को पौषक तत्वों, पेट में पल रहे नवजात की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और महिलाओं व नवजात में खून की कमी दूर करने के लिए आयरन की दवा सबसे अहम काम करती है। बीके अस्पताल की महिला चिकित्सकों की माने तो 12 वर्ष की किशोर से लेकर 49 साल की उम्र की महिलाएं आयरन की कमी से ग्रस्त हैं।प्रेगनेंसी के दौरान आयरन की कमी के कारण प्री-मैच्योर लेबर और शिशु का वजन कम होने की समस्या का खतरा बढ़ सकता है।

हर माह 70 हजार गोलियों की दरकार
बीके अस्पताल के औषधी विभाग के इंचार्ज शैलेन्द्र हुड्डा ने बताया कि उनके अस्पताल में आयरन और कैल्शियम की दवा की खपत प्रतिमाह 70 हजार गोलियों की हैं। लेकिन गुरूग्राम ड्रग वेयर हाउस से उन्हें पिछले 4 महिने से यह दवाईयां नहीं मिली हैं। जिसकी वजह से हम गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम ड्रग वेयर हाउस के अधिकारी कहते हैं कि दवा आगे से नहीं मिल ही इसलिए हम नहीं भेज पा रहे हैं। वहीं महिलाओं को निजी मैडिकल सेंटरों से आयरन और कैल्शियम खरीदना पड़ रहा है। जिससे उनकी जेब पर बोझ बढ़ रहा है। बीके अस्पताल में प्रतिदिन महिला चिकित्सकों के पास ओपीडी में प्रतिदिन 200 से अधिक प्रसूताएं उपचार के लिए पहुंचती हैं। जिन्हें आयरन और कैल्शियम की जरूरत होती है।