क्रांतिकारियों के बलिदान को नई पीढ़ी याद रखे -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
दिल्ली, मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी करतारसिंह सराबा के 106 बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । उल्लेखनीय है कि केवल 19 वर्ष की आयु में 16 नवम्बर 1915 को लाहौर की केन्द्रीय जेल में छै साथियों के लिए फांसी दी गई थी । केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने देश भक्त क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को उनके जज्बे व बलिदान से परिचित करवाने की आवश्यकता है जिससे वह आजादी के महत्व को समझ सके । यह आजादी कोई भीख या दया से नहीं मिली अपितु नोजवान क्रांतिकारियों के बलिदान से मिली है । आज नई पीढ़ी को गुलामी क्या होती है यह नहीं मालूम, शहीद भगत सिंह ने भी सराबा को अपना बड़ा भाई व प्रेरणा स्रोत्र कहा था । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के यह सबसे कम आयु के क्रांतिकारी थे । लाला हरदयाल जी की ग़दर पार्टी ने अनेको नोजवानो को प्रेरणा दी ।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि कंगना रनौत का वक्तव्य दुर्भाग्यपूर्ण है यह आजादी चरखे तकली से नहीं मिली थी बल्कि हजारों नोजवानो ने बलिदान दिया और आर्य समाज के सबसे अधिक व्यक्ति जेलों गए थे। आज सारा इतिहास फिर से पढ़ने की आवश्यकता है । गायिका प्रवीना ठक्कर, प्रवीन आर्या,रविन्द्र गुप्ता, रजनी गर्ग,दीप्ति सपरा, रजनी चुघ,दीप्ति सपरा आदि ने गीत सुनाये ।