हरियाणा आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर,पर्याप्त होगा देश का पहला राज्य

Spread This
चंडीगढ़/फरीदाबाद : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘वे चाहते हैं कि हरियाणा आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनें और वे विश्वास रखते हैं कि पर्याप्त आक्सीजन के मामले में हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा’’। उन्होंने कहा कि ‘‘वे यह भी चाहते हैं कि हर जिले में वर्किंग आईसीयू भी हो, जिनमें पर्याप्त उपकरण भी होने चाहिए क्योंकि हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है ताकि सुविधाओं के कमी के कारण किसी भी व्यक्ति की जान न जाएं’’।

श्री विज आज पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के मुख्यालय में कोविड वारियर्स की याद में तैयार की गई ‘वॉल आफ मेमारी’ के अनावरण अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।श्री विज ने कहा कि कोविड संक्त्रमण के दौरान पुलिस विभाग के भी 37 लोगों का बलिदान हुआ है और इसी प्रकार शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 9 लोगों ने भी कोविड के दौरान अपना दायित्व निभाते हुए जान गंवाई है। श्री विज ने कहा कि ‘‘वे चाहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई ‘वॉल आफ मेमोरी’ की तर्ज पर पुलिस विभाग व शहरी स्थानीय विभाग में भी ऐसे वॉल बनें ताकि इन लोगों को याद रखा जा सकें’’।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर आएगी, लेकिन पिछले डेढ महीने में 20 कम नए मरीजों की संख्या रह रही है जोकि दूसरी लहर के दौरान 15 हजार से ऊपर चली गई थी तथा यह कहा जा सकता है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यह बीमारी अभी खत्म नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी की यदि कोई लहर आती है तो हमने पूरी तैयारी कर रखी है। और दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन का संकट आया था लेकिन हमने दिनरात मेहनत करके जरूरतमंद लोगों को आक्सीजन देने का काम किया। इसके अलावा, राज्य के सभी 50 बिस्तर से अधिक के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए कि वे अपने यहां पर पीएसए आक्सीजन प्लांट लगाएंगें अन्यथा ऐसे अस्पतालों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 पीएसए आक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके है और बाकी प्लांटों का टेंडर लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से जारी है और अब तक लगभग 2.69 करोड लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है ओर अब तक हरियाणा में 89 प्रतिशत पात्र लोगों को पहली डोज व 43 प्रतिशत पात्र लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। इसके अलावा, हरियाणा में ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्त्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत हरियाणा में 2025 टीमों का गठन किया गया है जो हर घर में जाकर टीकाकरण का कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह भी मेरे लिए खुशी एवं गर्व की बात है कि इस कोविड की अवधि के दौरान किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने डयूटी न करने के लिए मना नहीं किया, बल्कि सभी ने आगे बढकर डयूटी के दायित्व को निभाया, जिसके लिए वे उनको सलाम करते हैं।  उन्होंने कहा कि इस दायित्व को निभाते हुए अभी तक स्वास्थ्य विभाग के 28 लोगों ने अपना बलिदान दे दिया हैं जिन्हें आज यहां हम सभी एक़ित्रत होकर ‘वॉल आफ मेमोरी’ बनाकर श्रद्धाजंलि देने का काम किया हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी वॉल पंचकूला मुख्यालय सहित उन जिलों में भी बनाई गई है जहां-जहां ये कर्मी कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि ऐसे 11 जिलों में यह मेमोरी वॉल बनाई गई है ताकि आने वाली पीढियां इन्हें याद रखकर अपने जीवन में आगे बढें।

श्री विज ने कहा कि ऐसा सैकडों वर्षों में एक बार होता है जब इस तरह की स्थितियां आती हैं और ऐसी विकट परिस्थितियों के संबंध में क्या-क्या पग उठाए गए, इसका इतिहास बन जाता है। इसलिए मैडीकल शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वे कोविड के दौरान की परिस्थियों के संबंध में इतिहास  लिखने का कार्य करें ओर इसके कार्य हेतू एक कमेटी का भी गठन किया गया है ताकि यह आने वाली पीढियों को पता लग सकें कि किस प्रकार से कंटेनमेंट जोन बनाए गए, आईसोलेशन वार्ड बनाए गए, लैब को स्थापित किया गया, डाक्टरों को पीपीई कीट में किस प्रकार से काम करना पडा इत्यादि की जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि कोविड की विकट परिस्थिति के दौरान हमने सभी अस्पतालों, कालेजों  में सुविधाएं बढाने का काम किया है ओर बिस्तरों को बढाने का काम किया। इस दौरान डाक्टर भर्ती किए गए, पढाई कर रहे डाक्टरों को भी डयूटी पर लगाया गया ताकि लोगों की जानें बचाई जा सकें।श्री विज ने कहा कि साल 2019 में मानव जाति पर सुक्ष्म अदृश्य ने हमला किया था जो पहले चीन में नजर आया ओर उसके बाद इसने सारे विश्व में आंतक मचाते हुए फैल गया। उन्होंने कहा कि कोविड नाम के इस दुश्मन पर आज तक अत्याधुनिक शोध व विज्ञान के बावजूद अभी तक पूरी से पता नहीं लग पाया है कि इससे कैसे लडना हैं और इससे लडने के लिए कौन से हथियार कारगर होंगें। श्री विज ने कहा कि कोरोना के लिए टेस्टिंग लैब भी नहीं थी, और इसके लिए टेस्ट पुने के लैब में होता था। उन्होंने कहा कि कोरोना का इतना ज्यादा आतंक था कि उनके शहर में जब पहली बार कोरोना से मृत्यु हुई तो उस मोहल्ले में लोगों ने आना-जाना ही बंद कर दिया था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर देश में लॉकडाउन लगाया गया  और इस खतरे के माहौल के बावजूद भी हमारे हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने निर्भिक होकर इस दुश्मन से मानव जाति  को बचाने के लिए आनी कमर कसी और लोगों की दिनरात सेवा की।इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोडा व स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ वीना सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के 56 उत्कृष्ठ कर्मियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया। श्री विज ने इस मौके पर कोविड वारियर्स कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न 11 जिलों में बनाई गई वॉल आफ मेमोरी का माउस का बटन दबाकर अनावरण किया।इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोडा, एनएचएम के मिशन निदेशक डा प्रभजोत सिंह, मैडीकल शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ शालीन, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ वीना सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

—————————————————————– 

कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों के साथ की बैठक

चंडीगढ़ 16 नवंबर – हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए निरंतर किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग लगातार किसानों को फसल अवशेष न जलाए जाने के प्रति जागरूक कर रहा है।कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने आज यहाँ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

डॉ सुमिता मिश्रा ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को पराली न जलाने के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए आईईसी गतिविधियों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को पूरे राज्य में चेतना-रैलियों का आयोजन किया जाए और इसमें स्कूली बच्चों, युवाओं, एनएसएस और युवा केंद्रों को शामिल किया जाए। इन रैलियों के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंचाया जाए कि फसल अवशेष जलाना न केवल सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे धरती की उर्वरक शक्ति भी खत्म होती है।

उन्होंने कहा कि मोबाइल वैन के माध्यम से भी गांव गांव में प्रचार प्रसार किया जाए और किसानों तक यह संदेश पहुंचाया जाए कि वे पराली न जलाएं।डॉ. सुमिता मिश्रा ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में फ्लाइंग स्क्वायड और इंफोर्समेंट टीमों की संख्या बढ़ाते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर नजर बनाए रखें।उन्होंने विशेष रूप से फतेहाबाद और सिरसा के जिला उपायुक्तों को उनके जिलों में धान की देरी से कटाई के मद्देनजर अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिये।

हरियाणा में खाद की कमी नहीं

बैठक में कृषि विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह ने बताया कि राज्य में गेहूँ की बिजाई शुरू हो चुकी है, जिसमें डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता बिजाई के समय किसानों के लिए जरूरी है। 16 नवम्बर 2021 तक राज्य में 2 लाख 15 हजार मीट्रिक टन डी.ए.पी उपलब्ध करवाया जा चुका है, जिसमें से 1 लाख 88 हजार मीट्रिक टन किसान खरीद चुके हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से डी.ए.पी की अतिरिक्त उपलब्धता बारे लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों में 8 रेक मंगवाए जा चुके हैं और अगले तीन दिनों में 9 रेक और मंगवाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा राज्य में हर रोज 7 से 8 हजार मीट्रिक टन डी.ए.पी / एन.पी.के  उपलब्ध करवाया जा रहा है।उन्होंने किसानों से अपील की कि जिस भी जिले में खाद के रेक की उपलब्धता हो वहां पर किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैलने दें और खाद की खरीद के समय सयंम रखे व शांतिपूर्वक तरीके से खरीद करें।

मूंग की खरीद 30 नवम्बर तक जारी रहेगी

बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने व न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए किसान हित में निर्धारित खरीद मापदंड अनुसार खरीद अवधि 30 नवम्बर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। किसानों के हित को देखते हुए हैफेड व नैफेड द्वारा मूँग की खरीद राज्य की 38 अधिसूचित मंडियों में 30 नवम्बर तक जारी रहेगी।

———————————————————————————————–

हरियाणा के सहकारिता मंत्री ने गन्ना किसानों से की अपील

चंडीगढ़ ,16 नवंबर – हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने राज्य के गन्ना काश्तकारों से अपील करते हुए कहा कि हमने किसान व मिल हित में जो भी जरूरी कदम उठाने बनते थे यथासमय उन्हें उठाया है । फिर भी किसान भाईयों को यदि कोई समस्या है तो वे व्यक्तिगत तौर पर व पत्राचार के माध्यम से मेरे (सहकारिता मंत्री) संज्ञान में ला सकते हैं। किसानों की समस्या का यथाशीघ्र समाधान किया जाएगा।

आज यहाँ जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि आंदोलन करना हर किसी का अधिकार है परंतु उसकी कुछ मर्यादाएं होती हैं ।मंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने सहकारिता विभाग का कार्यभार ग्रहण किया है तब से किसान हित को सर्वोपरी मानते हुऐ न केवल गन्ना किसानो को आने वाली समस्याओं को समझा अपितु उनके समाधान की दिशा में यथासंभव कदम उठाए हैं । गत वर्षों में राज्य की 11 सहकारी चीनी मिलों की पिराई क्षमता 27300 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 29650 टी.सी.डी. किया गया है। इस प्रकार सहकारी चीनी मिलों की कुल पिराई क्षमता में 2350 टी.सी.डी की बढ़ोतरी की गई है जिसके परिणामस्वरूप 40 से 42 लाख क्विंटल अतिरिक्त गन्ने की पिराई संभव हो सकी है ताकि गन्ना किसान भाईयों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां न केवल गन्ने का सर्वाधिक भाव (362/- रूपये प्रति क्विंटल) दिया गया है जो देश में सर्वाधिक है अपितु यथासंभव सबसे पहले समस्त देय गन्ना राशि का भुगतान किया गया। गत वर्ष हरियाणा की सभी 11 सहकारी चीनी मिलों ने 466.19 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की तथा उसकी समस्त देय गन्ना राशि 1630.36 करोड़ का भुगतान राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई 650.25 करोड़ की वित्तीय सहायता से संभव हो पाया।

आज चीनी उद्योग में मंदी के चलते जहां चीनी मिलें अपने संसाधनों से गन्ने की राशि का लगभग 60 प्रतिशत भुगतान करने में ही सक्षम है उसके बावजूद सहकारी चीनी मिलों के लगातार घाटे को पूरा करने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार किया गया ना कि गन्ना किसानों के हित को नजर अंदाज किया गया।

यहां यह बताना भी उचित होगा कि वर्तमान सरकार द्वारा किसानों की गन्ना अदायगी समय पर सुनिश्चित करने के लिए अभी तक (2014-21) कुल 3511.50 करोड़ रूपये की राशि ऋण के रूप में तथा 371.04 करोड़ रूपये की राशि अनुदान के रूप में सहकारी चीनी मिलों को उपलब्ध करवाई गई है जो कि अपने आप में एक मिसाल है ।

उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों की सुविधा को घ्यान में रखते हुऐ हरियाणा की सभी सहकारी चीनी मिलों में किसानों को रात के समय रूकने के लिए विश्राम गृह की व्यवस्था के साथ-साथ चाय पानी के लिए आधुनिक कैन्टीन व मिल प्रागंण में अटल किसान मजदूर कैन्टीन भी चलाई जा रही है, जिसमें सस्ती दर (10/- रूपये प्रति थाली) पर उचित गुणवत्ता का खाना दिया जाता है।

————————————————————————–

चंडीगढ़, 16 नवंबर – हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री श्री पीके दास ने आज  न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा फतेहाबाद जिला के गांव गोरखपुर में स्थापित की जा रही 4700 मेगावाट क्षमता की ‘हरियाणा अणु विद्युत परियोजना’ की समीक्षा की।इस अवसर पर एनपीसीआईएल  के डीजीएम (मानव संसाधन) ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताया कि परियोजना का निर्माण कार्य सुचारु रुप से चल रहा है और अब तक 3400 करोड़ रुपए इस पर खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने गत 18 नवंबर, 2020 को आवश्यक परमाणु एंव रेडियोलॉजिक सुरक्षा, औद्योगिक एंव अग्नि सुरक्षा और सिविल इंजीनियरिंग के पहलुओं की समीक्षा की और संतोषजनक पाए जाने पर जीएचएवीपी-1 और 2 के निर्माण की मंजूरी दी गई। न्यूक्लियर बिल्डिंग-1 व 2 क्षेत्र के नींव का कार्य पूरा कर लिया गया है और मुख्य इकाई का निर्माण कार्य उच्च स्तर पर शुरु कर दिया गया है। टरबाईन और उसके सहायक उपकरणों के निर्माण का कार्य बीएचईल को दिया गया है। प्रमुख रिएक्टर उपकरण जैसे एंडशील्ड पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, और कैलेंड्रिया और स्टीम जनरेटर जैसे अन्य उपकरण प्राप्ति के विभिन्न चरणों में हैं। अग्रोहा में एनपीसीआईएल कॉलोनी का निर्माण अग्रिम चरण में है जहां मार्च, 2022 तक आवास शुरु करने की योजना है। उन्होंने बताया कि 700 मेगावाट की पहली इकाई का उत्पादन वर्ष 2026 में शुरु हो जाएगा और शेष तीन इकाईयों को बाद में प्रति वर्ष एक इकाई के हिसाब से चालू कर दिया जाएगा।उन्होंनें आगे बताया कि एनपीसीआईएल ने सीएसआर के तहत आसपास के क्षेत्रों में अब तक लगभग 26 करोड़ रुपए विभिन्न गतिविधियों पर खर्च किए हैं और 8 करोड़ रुपए इस वित्तिय वर्ष 2021-22 में खर्च करने की योजना है।

—————————————————————————— 

चंडीगढ़, 16 नवंबर – हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कौंसिल ऑफ  इंडिया के स्थापना दिवस ‘नेशनल प्रेस-डे’ पर उच्च लोकतान्त्रिक मूल्यों के निर्भीक पक्षकार, भारत के मीडिया कर्मियों, संस्थानों और स्वतंत्र पत्रकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।उन्होंने यहां जारी बयान में ‘नेशनल प्रेस-डे’ के अवसर पर देश के सभी निष्पक्ष मीडियाकर्मियों को बधाई देते हुए कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही झूठी व सनसनीखेज खबरों पर लगाम कसने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जनता को सही, निष्पक्ष, प्रामाणिक और सामयिक सूचना से शिक्षित करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।

—————————————————————————

चंडीगढ़, 16 नवंबर – हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नई सडक़ों के निर्माण के साथ-साथ सडक़ सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करें ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।परिवहन मंत्री आज यहां हरियाणा निवास में राज्य की सडक़ सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां रोड मार्किंग या मरम्मत की आवश्यकता है वहां प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें, क्योंकि जल्द ही कोहरे का मौसम आने वाला है जिसमें दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने इसके लिए एनएचएआई के साथ संयुक्त टीमों का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि हेल्पलाइन और मेडिकल हेल्पलाइन नंबर सडक़ पर पर्याप्त दूरी पर उपलब्ध होना चाहिए ताकि जरूरत पडऩे पर पीडि़त व्यक्ति को जल्द सुलभ हो सके।

श्री मूलचंद शर्मा ने राज्य में चल रही सभी राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ठेकेदारों को निर्धारित समयावधि में सडक़ की मरम्मत करने का दबाव बनाने के साथ-साथ समय से पहले टूटने वाले सडक़ों के लिए भी ठेकेदार की जिम्मेदारी तय की जाए।

परिवहन मंत्री ने सभी अधिकारियों को फ्लिकर टेप और रिफ्लेक्टर वाले वाणिज्यिक वाहनों की उचित निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चीनी मिलों में आरटीओ के माध्यम से एक अधिकारी को तैनात करने के लिये भी कहा गया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ट्रकों में रिफ्लेक्टर टेप लगे हों।इस अवसर पर बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह, परिवहन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती कला रामचंद्रन, परिवहन आयुक्त श्री अमिताभ ढिल्लों, आईजी यातायात डॉ. राजश्री सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात श्री राजेन्द्र कुमार मीणा उपस्थित थे।

——————————————————————- 

चंडीगढ़, 16 नवम्बर – हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी परीक्षा शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए राजकीय एवं अराजकीय स्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालयों से ऑनलाइन विद्यालय डाटा/निरन्तरता शुल्क व नई सम्बद्धता के लिए आवेदन-पत्र व शुल्क 5,000 रूपए विलम्ब शुल्क सहित जमा करवाने की तिथि 16 नवम्बर, 2021 निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 30 नवम्बर, 2021 कर दिया गया है।

बोर्ड प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कई विद्यालयों द्वारा अभी तक सम्बद्धता फार्म/डाटा अपलोड न किए जाने के कारण अन्तिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवम्बर, 2021 कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि ऐसे विद्यालय जिन द्वारा अभी तक सम्बद्धता फार्म/डाटा अपलोड नहीं किया गया है, समय रहते सम्बद्धता फार्म/डाटा ऑनलाइन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से भरना सुनिश्चित करें।

उन्होंने बताया कि राजकीय विद्यालयों द्वारा स्कूल डाटा फार्म एवं अराजकीय विद्यालयों द्वारा सम्बद्धता आवेदन फार्म व शुल्क ऑनलाइन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट॒www.bseh.org.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से भरा जाना है। सम्बद्धता शुल्क एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा गेटवे पेंमेट के माध्यम से ऑनलाइन जमा करवाया जाना है। उन्होंने आगे बताया कि किसी भी प्रकार की तकनीकी कठिनाई के लिए मोबाइल नम्बर 9896582271 या बोर्ड कार्यालय की सम्बद्धता शाखा के मोबाइल नम्बर 9813601566 व फोन नम्बर 01664-244171 से 176 Ext.111 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सम्बद्धता शाखा की ईमेल asenr@bseh.org.in पर भी मेल भेज सकते हैं।