Book Review: हलचल भरे इतिहास की थाह, ‘वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’
पिछली सदी के नौवें दशक के आखिर का समय भारत के लिए बहुत उथल-पुथल भरा रहा। मंडल-कमंडल से लेकर आर्थिक फिसलन के उस उलझन भरे दौर के विषय में जिज्ञासा स्वाभाविक है। ऐसे में पत्रकार एवं संपादक रहे संतोष भारतीय ने अपनी सद्यप्रकाशित पुस्तक -वीपी…
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